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29 अप्रैल 2011

कोर्रुप्त india


जीप घोटाला आज़ाद


हिंदुस्तान का पहला घोटाला था.

देश अभी आज़ादी के बाद
कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से दो-दो हाथ कर चुका था. तब वी के मेनन ब्रिटेन
में भारत के उच्चायुक्त थे. पाकिस्तानी हमले के बाद भारतीय सेना को क़रीब
4603 जीपों की जरूरत थी. मेनन इस सौदे में कूद पड़े. उनके कहने पर रक्षा
मंत्रालय ने उस वक्त 300 पाउंड प्रति जीप के हिसाब से 1500 जीपों का आदेश
दे दिया, लेकिन 9 महीने तक जीपें नहीं आईं. 1949 में जाकर महज 155 जीपें
मद्रास बंदरगाह पर पहुंचीं. इनमें से ज्यादातर जीपें तय मानक पर खरी नहीं
उतरीं. जांच हुई तो मेनन दोषी पाए गए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं
हुआ. आगे चलकर उन्हें रक्षा मंत्री भी बनाया गया. ज़ाहिर है, जीप घोटाले ने
भारत को घोटालों के देश में तब्दील करने के लिए बीजारोपण तो कर ही दिया था,
क्योंकि इससे यह साबित हुआ कि आप भले ही घोटाले कर लो, लेकिन सत्ता पक्ष
का समर्थन आपके पास है तो आपको कुछ नहीं होगा. इसमें बाद में कुछ भी नहीं
हुआ.


ये थे ब़डे घोटाले…
1948 जीप घोटाला, आज़ाद भारत का पहला घोटाला

1951 साइकिल घोटाला, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव फंसे

1956 बीएचयू फंड घोटाला, आज़ाद भारत का पहला शैक्षणिक घोटाला

1958 मूंध्रा घोटाला, फिरोज गांधी ने किया खुलासा, फंसे वित्त मंत्री

1963 आज़ाद भारत में मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग का पहला मामला, आरोप प्रताप सिंह कैरों (पंजाब) पर

1965 उड़ीसा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक पर अपनी ही कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप

1971 नागरवाला कांड. दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित स्टेट बैंक
शाखा से लाखों रुपये मांगने का मामला, इसमें इंदिरा गांधी का नाम भी उछला

1976 कुओ तेल घोटाला. आईओसी ने हांगकांग की फर्ज़ी कंपनी के साथ डील की, बड़े स्तर पर घूस का लेनदेन

1995 जूता घोटाला. जूता व्यापारियों ने फर्ज़ी सोसाइटी बनाकर सरकार को चूना लगाया

एक पौधे को वटवृक्ष बनने के लिए भरपूर
खाद-पानी की भी ज़रूरत होती है. आज़ादी के ठीक बाद हमारे राजनेताओं ने
घोटालों के फलने-फूलने का पूरा इंतजाम कर दिया था. अगर जीप घोटाले के आरोपी
वी के कृष्णमेनन को रक्षा मंत्री नहीं बनाया जाता, प्रताप सिंह कैरों को
क्लीन चिट नहीं दी जाती और नागरवाला कांड की सच्चाई जनता के बीच आ जाती तथा
असली गुनहगारों का पता चल जाता तो शायद फिर कोई प्रभावशाली आदमी घोटाला
करने से डरता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नतीजतन, इस देश को जीप से लेकर 2-जी
स्पेक्ट्रम तक सैकड़ों घोटाले सहने पड़े. और न जाने कब तक यह सब सहना पड़ेगा.

जवानी का इंजेक्शन

नाबालिंग लड़कियों को दिया जा रहा है जवानी का इंजेक्शन.......
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आठ साल की उम्र की लडकियों को जल्द जवान बनाने के लिए मोर का मांस और स्टेरोईड्स दिया जाता था.! जिससे लड़कियां जल्द जवान होकर जिस्मफरोशी के बाजार में ढकेला जा सके..! इनके सेवन से कम उम्र की लडकियों का शरीर बड़ा दिखने लगता हे, पुलिस जाँच में सामने आया की जिस्मफरोशी करने वाली ज्यादातर महिलाओ के बच्चे हे ही नहीं....! पुलिसे द्वारा गिनती करने पर इन डेरो में ८४२ लड़कियां पाई गयी....!

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पिछले दिनों एक पाक्षिक पत्रिका ''तथ्यभारती'' ने राजस्थान की लड़कियों की खरीद-फरोख्त के बारे में खुलासा किया था, इस क्रम में इस बार लड़कियों की नारकीय जिन्दगी और बांछडा समाज की साजिश का खुलासा कर रही हे, मंदसोर पुलिस मानव तस्करी के पर्दाफाश के बाद जिस्मफरोसी के अड्डो पर लगातार दबिश दे रही है, इसके परिणाम भी सार्थक आ रहे है, और नई जानकारीयां भी मिल रही है, जो दिल दहलाने वाली है, तस्करी के जरिए चितौडगढ़, निम्बाहेडा से पहुंचाई गई लडकियो के बारे में जानकारी मिली हे लेकिन राजस्थान पुलिस इन सबसे बेखर है...! मंदसौर जिले में जिस्मफरोशी के अड्डों पर खरीदकर लाई गई मासूम बच्चियो की बरामदगी के बाद पुलिस जाँच में कई सनसनीखेज खुलासे सामने आए है, इन लडकियो को समय से पूर्व जवान बनाने के लिए क्रत्रिम तरीके अपनाए जाते है...!

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पुलिस की दबिश में सनसनीखेज खुलासा----

मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ पुलिस द्वारा बांछडा समाज के जिस्मफरोशी के डेरो में की गई कार्यवाही के बाद अब तक १८ मासूम लड़कियां बरामद की जा चुकी हे, जिनमे से पांच लड़कियां तो दुधमुहीं है, इन सभी लड़कियों की उम्र ९ माह से ९ साल तक है, खुलासे में पता चला हे की पहले 8 साल की उम्र की लडकियो को जल्द जवान बनाने के लिए मोर का मांस और स्टेरोइड्स दिया जाता था, जिससे लड़कियां जल्द जवान होकर जिस्मफरोशी के बाजार में ढ्केली जा सके..! इनके सेवन से कम उम्र की लड़कियों का शरीर बड़ा दिखने लगता है, पुलिस जाँच में पता चला हे की ऐसी कई दवाइयां है जिनके इंजेक्शन इस इलाके में धडल्ले से लगाये जा रहे है. इन लडकियो के खाने पीने की चीजो में नशे की गोलियां मिलाकर दी जाती है और बेहोस हो जाने के बाद उन्हें अगवा कर जिस्मफरोशी के डेरो पर बेच दिया जाता है...

इस मामले में पुलिस ने 24 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है डेरो पर अब भी कई मासूम लडकिया है जिनके बारे में जाँच चाल रही है की ये लडकिया इन्ही डेरो वालों की हे या खरीदी गई..! इसके लिए पुलिस डीएनए जाँच करने की तैयारी कर रही है...!
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चलता हे रेकेट--

गौरतलब है की इन डेरो पर जिन लडकियो को चुराकर बेचा गया उनमे तीन कड़ियों वाला एक रैकेट कम करता है
पहला गिरोह लडकियो पर नजर रखकर उन्हें नशा देकर चुराता है
दूसरी कड़ी में बिचोलिये इन्हें बाछड़ा जाती के उन लोगो से मिलकर सोदा करते है जो इन्हें क्रीडते है
और
तीसरी कड़ी में खुद बाछड़ा जाती के वो लोग होते है
जो इन्हें खरीदकर परवरिश करते है और बड़ी होने पर उन्हें जिस्मफरोशी के धंधे में उतर देते है

बाछड़ा जाती की औरते पहले ग्राहकों से पैदा हुई लडकियो को पाल पोस कर उनसे धंदा करती थी मगर बच्छे होने के बाद जिस्मफरोशी के बाजार में उनकी कीमत कम हो जाती थी इस वजह से पिछले 10 वर्षो में तस्करी करके लाई गई बच्चियो को खरीदने का गोर्ख धंदा शुरू हो गया. आंकड़ो की माने तो इन डेरो पर 842 लडकिया है. पुलिस को शक है की ज्यादातर लडकियो को खरीदकर लाया गया है अब पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुट गई है इसके लिए पुलिस डीएनए टेस्ट की मदद लेने का भी मन बना रही है...

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50 रुपये में मिलती है लडकिया---

जयपुर मुंबई हाइवे एव मंदसौर नीमच से लेकर चित्तोड़ तक सड़क के किनारे बाछड़ा समाज के डेरे है जहाँ हर रोज जिस्मफरोशी की मण्डी सजती है और जहाँ इन लडकियो की कीमत होती है महज 50 से लेकर 200 रूपये तक..!

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जिस जमीन पर जिस्मफरोशी के अड्डे बने हुए है ये सरकारी जमीन थी जो पुनर्वास के लिए बाछड़ा समाज को पिछले १८ सालो में दी गई थी..!
१९९३ से लेकर अब तक कई बार यहाँ की वैश्याओ को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आधा बीघा से लेकर ५ बीघा तक के पट्टे दिए गए.

मगर जब जब इनके पुनर्वास की योजनाये चलाई गई उसके बाद इनके धंधे का इजाफा हुआ है पुनर्वास के लिए दिए गयी जमीन पर पक्के माकन बनाकर उसे एक नया अड्डा बना दिया गया..! पिछले १८ सालो में रतलाम, नीमच, मंदसोर में सर्कार द्वारा पुनर्वास के लिए दी गई लगभग २०० एकड़ जमीन पर नए डेरो में अड्डे बना दिए गए...!
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आठ साल की उम्र की लडकियों को जल्द जवान बनाने के लिए मोर का मांस और स्टेरोईड्स दिया जाता था.! जिससे लड़कियां जल्द जवान होकर जिस्मफरोशी के बाजार में ढकेला जा सके..! इनके सेवन से कम उम्र की लडकियों का शरीर बड़ा दिखने लगता हे, पुलिस जाँच में सामने आया की जिस्मफरोशी करने वाली ज्यादातर महिलाओ के बच्चे हे ही नहीं....! पुलिसे द्वारा गिनती करने पर इन डेरो में ८४२ लड़कियां पाई गयी....!
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1 सवाल आप से---

दुशासन ने चीर हरण किया, द्रोपती का श्री कृष्ण बचाने आये.
आज नाबालिंग लडकियो का चीर हरण हो रहा है, कोई क्यू अपनी जान गवाये...??
20 से 50 में हो रहा है धंधा, आखिर क्यों नहीं इनके लिए फांसी का फंदा..???