कुल पेज दृश्य

18 अगस्त 2011

ANNA


जज्बात


अपने जज्बात को,
नाहक ही सजा देती हूँ...होते ही शाम,
चरागों को बुझा देती हूँ...
जब राहत का,
मिलता ना बहाना कोई...लिखती हूँ हथेली पे नाम तेरा,
लिख के मिटा देती हूँ......................

ई मीडिया को लेकर अक्सर ये सवाल उठते रहे हैं कि वो अपने दायित्व को ठीक से निभा नही रहा हैं,लेकिन अन्ना हजारे के आंदोलन को आज जन आंदोलन बनाने का किया हैं तो उसमें ई मीडया ने महती भूमिका निभाई है। ई मीडिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ हैं कि जब २४ घंटे तक कोई खबर के लिए बुलेटिन निकला हो और जिसका लाइव होता रहा। वास्तव में एक बार फिर से मीडिया अपनी ताकत का एहसास करा दिया हैं। जिस तरह से देश को आजादी दिलाने में पूर्व में अखबरो नें अपनी भूमिका निर्वहन किया था ठीक आज उसी तरह देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने में ई मीडिया अपनी भूमिका अदा कर रहा हैं। यह सत्य हैं कि आज भ्रष्टाचार हर कही और इससे मीडिया भी अछूता नहीं है बावजुद इसके जब मीडिया को एक मीडिया याने माध्यम या कहिए एक मंच अन्ना हजारे के रुप में मिला हैं तो उसनें भी इस मूहिम को अंजाम तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा हैं। यही मीडिया का सत्य हैं। जय अन्ना, जय मीडिया ।