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22 अक्तूबर 2011

रहिये तैयार कैन्सर से लड़ने के लिये



जी‌ हां, हमेशा, क्योंकि कैन्सर कोई इन्फ़ैक्शन से तो शायद ही होता हो.. यह तो कोशिकाओं का गुण है कि वे सख्या में बढ़ोत्तरी करती रहें ताकि हम बढ़ते रहें , हमारी मृत कोशिकाओं की क्षतिपूर्ति होती रहे । बस बात कोशिकाओं की बढ़त पर नियंत्रण की है और स्वस्थ्य कोशिकाएं आवश्यकता पूरी करने पर अपनी‌ बढ़त रोक देती हैं। जिस तरह मानव का स्वभाव है गलती करना उत्नी तो नहीं किन्तु यह कोशिकाएं भी करोड़ों में एकाध बार गलती कर देती हैं और अपनी बढ़त करती‌ जाती हैं। यही मौका है जब हमारा प्रतिरोधी तंत्र इनसे लड़ाई करता है, और यदि स्वस्थ्य रहा तो जीत जाता है।
बात प्रतिरोधी तंत्र के सशक्त होने की है। तम्बाकू शराब जं‌क फ़ूड या ड्रिंक, दूषित वातावरण, जल तथा आहार भी प्रतिरोधी तंत्र को दुर्बल करते हैं और बादाम, अखरोट, अंगूर, पपीता, अनार, नारंगी, केला, अमरूद आदि फ़ल, तथा हमारे मसाले, विशेषकर हलदी, मिर्च तथा शिमला मिर्च और अन्य सब्जियां प्रतिरोधी तंत्र को सशक्त करते हैं।
और शारीरिक व्यायाम भी हमेशा की तरह हमें रोगों से तथा कैन्सर से लड़ने की शक्ति देता है।
तो बस हमेशा रहिये तैयार कैन्सर से लड़ने के लिये ।