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10 मई 2011

विकी india

नमस्कार,

मैं टिंग चेन, विकिमीडिया संस्थापन के न्यासी मण्डल का निदेशक।

दो महीने पहले, विकिमीडिया संस्थापन ने हमारे नए सम्पादक प्रचलन शोध के परिणाम प्रकाशित किए थे (आप परिणामों को यहाँ पढ़ सकते हैं), जिसने यह दिखलाया कि पिछले कई वर्षों के दौरान लोगों को विकिमीडिया परियोजनाओं पर सम्पादन करने में बहुत परेशानियाँ हो रही हैं। पिछले महीने बोर्ड ने इसपर एक विमर्श किया, और इसके पश्चात हम सब आपके हमसे जुड़ने के कथन पर एकमत हुए ताकि विकिमीडिया परियोजनाओं को और अधिक मुक्त और सहयोगपूर्ण बनाया जा सके।

कृपया हमारे संकल्प को पढ़ें, और मैं इसपर आपकी टिप्पणी चाहता हूँ और आप अपने विचारों को साझा करें।

शुभकामनाएँ, और विकिमीडिया परियोजनाओं में लिप्त होने के लिए धन्यवाद।

टिंग चेन
विकिमीडिया संस्थापन के न्यासी मण्डल का निदेशक

संकल्प: खुलापन

हम, विकिमीडिया संस्थापन बोर्ड वाले, यह विश्वास रखते हैं कि हमारे मिशन को पूरा करने की दिशा में हमारे परियोजना समुदायों को भली प्रकार से निरन्तर चलते रहना चाहिए। विकिमीडिया परियोजनाएँ खुलेपन की संस्कृति, भागीदारी, और गुणवत्ता पर स्थापित की जाती हैं जिसने मानव ज्ञान के विश्व के सबसे श्रेष्ठ भण्डार का निर्माण किया है। पर एक ओर जहाँ विश्वभर में विकिमीडिया की पाठक और समर्थक संख्या में वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी ओर सम्पादक प्रचलन के हालिया शोधों से पता चला है कि नए सम्पादकों की भागीदारी और अवधारण में धीरे-धीरे कमी आ रही है।

जैसा की पञ्च-वर्षीय सामरिक योजना में तय किया गया था, और इन जाँच-परिणामों से स्पष्ट हुआ है, विकिमीडिया को नए और विविध सम्पादकों को आकर्षित और अवधारित, और अनुभवी सम्पादकों को अवधारित करने की आवश्यकता है। हमारी वर्तमान परियोजनाओं और हमारे आन्दोलन की दीर्घकालिक स्थिरता और गुणवता के लिए एक स्थिर समुदाय अति-महत्वपूर्ण है।

इस चुनौती को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम सभी योगदानकर्ताओं को इन परियोजनाओं पर दैनिक काम में इन मुद्दों के बारे में सोचने के लिए कहते हैं। हम इसे कर्मचारी शीर्ष प्राथमिकता बनाने के लिए कार्यकारी निदेशक का समर्थन करते हैं, और इस बात की सिफारिश करते हैं कि वे इस परेशानी के निदान के लिए, समुदायिक पहुँच, समुदाय के प्रयासों के प्रवर्धन, और तकनीकी सुधारों के द्वारा संस्थापन के संसाधनों का आवण्टन बढ़ाएँ।

हम उन विकासकर्ताओं, सम्पादकों, विकिपरियोजनाओं और अध्यायों का समर्थन करते हैं जो परियोजनाओं को और अधिक सुगम, स्वागतशील, और सहयोगात्मक बनाने में जुटे हुए हैं।

बोर्ड इन प्रयासों के समाधानों को आगे बढ़ाने में सहाई है, और संस्थापना की सहायता के लिए विशिष्ट अनुरोधों को आमन्त्रित करता है। हम अपने खुलेपन और व्यापक भागीदारी के लक्ष्य के लिए नए विचारों का स्वागत करते हैं और बढ़ावा देते हैं।

हम विकिमीडिया समुदाय से यह आग्रह करते हैं कि वे निम्नलिखित के द्वारा खुलेपन और सहयोग को बढ़ावा दें:

  • चूंकि आप इस बात से जागरुक हैं कि नए सम्पादकों को क्या परेशानियाँ हो सकती हैं इसलिए नए सम्पादकों के प्रति संयम, दया, और आदर दिखाएँ और अन्यों को भी यही करने के लिए प्रेरित करें;
  • परियोजनाओं पर संवाद को सुधारना; नीतियों और अनुदेशों का सरलीकरण; और सहकर्मियों के साथ मिलकर साँचो, चेतावनियों, और विलोपन सम्बन्धी नीतियों और प्रथाओं को सुधारना और उन्हें और अधिक अनुकूल बनाना;
  • उन फ़ीचर्स और टूल्स के विकास का समर्थन और रोलआउट करना जिनसे उपियोगिता और सुगमता में सुधार हो;
  • इन मुद्दों पर समुदाय की जागरुकता बढ़ाना और व्यक्तियों, समूहों और अध्यायों के प्रयासों का समर्थन करना;
  • सहकर्मियों के साथ मिलकर विवादों को कम करना और एक मित्रवत, सहयोगात्मक व्यवहार को बढ़ावा देना जिसमें आभारी और अभिपुष्टि व्यवहार भी सम्मिलित है, और अच्छी प्रथाओं और समुदाय नेताओं को बढ़ावा देना; और
  • सहकर्मियों के साथ मिलकर विघटनकारी और शत्रुतापूर्ण व्यवहार को हतोत्साहित और ट्रॉलस और स्टॉकर्स को दूर करने की प्रथा विकसित करना।

सन्दर्भ

क्या आप जानते hai

दुर्ग junction

शादी-ब्याह व स्कूली छुट्टियोंं के चलते स्टेशन में रिजर्वेशन कराने व टिकट लेने वालों की भीड़ के अनुपात मेंं असामाजिक तत्वों की सक्रियता भी बढ़ गई है। मामले में स्टेशन मास्टर सहित अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के साथ-साथ आरपीएफ व जीआरपी स्टाफ के संरक्षण ने इन तत्वों के हौसले और बुलंद कर दिए हैं। हालत यह है कि टिकट लेने, रिजर्वेशन कराने अथवा किसी अन्य कार्य से स्टेशन जाने वाले जन सामान्य विशेषकर युवतियां और बुजुर्गों को कई बार मारपीट और गाली-गलौच जैसी अपमानजनक और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

विडंबना यह कि स्टेशन परिसर में आम नागरिकों की परेशानी से किसी अधिकारी को कोई सरोकार नहीं है न उनकी शिकायतों का निराकरण करने वाला है। कथित माडल स्टेशन में व्याप्त भर्राशाही का ऐसा ही एक नजारा सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर पर देखने को मिला जहां टिकट दलालों ने कतार में लगे कुछ नागरिकों के साथ न सिर्फ हाथापाई की बल्कि एक व्यक्ति को पीट भी दिया। लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक कई चक्कर लगाने पड़े तब जाकर उनकी शिकायत दर्ज हुई। जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर के सामने रोज की तरह लंबी कतार लगी हुई थी। तभी एक युवक वहां आया और सीधे खिड़की पर जा पहुंचा।

काउंटर पर बैठा क्लर्क युवक को ऐसा करने से मना करने की बजाए उसका सहयोग कर रहा था। यह देख कतार में लगे लोगों ने एतराज जताया जिसपर वह युवक भड़क गया और लोगों से अभद्र व्यवहार करने लगा। उसी दौरान युवक के कई साथी वहां आ पहुंचे और उन्होंने वहां जमकर उत्पात मचाया। केएस ओझा, रुपेश कुमार और आनंद पांडेय आदि कई लोगों से न सिर्फ उन्होंने हाथापाई बल्कि समीर तिवारी को पीट भी दिया।

श्री ओझा ने कहा कि टिकट दलालों के उत्पात से आहत लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें यहां भी उन्हें अपमानित होना पड़ा। अधिकारियों ने उनकी पीड़ा को समझने की बजाए उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष के कई चक्कर लगवाए। यहां तक कि स्टेशन मास्टर प्रसाद राव ने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। श्री ओझा ने बताया कि पूरे घटनाक्रम के दौरान आरपीएफ व जीआरपी के जवान भी वहां मौजूद थे लेकिन वे भी मूकदर्शक बने रहे। श्री ओझा ने कहा कि स्टेशन परिसर में दो दर्जन से अधिक टिकट दलाल पूरे दिन सक्रिय रहते हैं। इस संबंध जानकारी के लिए डीसीएम श्री नायडू से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

रेलवे का दुर्ग junction

शादी-ब्याह व स्कूली छुट्टियोंं के चलते स्टेशन में रिजर्वेशन कराने व टिकट लेने वालों की भीड़ के अनुपात मेंं असामाजिक तत्वों की सक्रियता भी बढ़ गई है। मामले में स्टेशन मास्टर सहित अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के साथ-साथ आरपीएफ व जीआरपी स्टाफ के संरक्षण ने इन तत्वों के हौसले और बुलंद कर दिए हैं। हालत यह है कि टिकट लेने, रिजर्वेशन कराने अथवा किसी अन्य कार्य से स्टेशन जाने वाले जन सामान्य विशेषकर युवतियां और बुजुर्गों को कई बार मारपीट और गाली-गलौच जैसी अपमानजनक और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

विडंबना यह कि स्टेशन परिसर में आम नागरिकों की परेशानी से किसी अधिकारी को कोई सरोकार नहीं है न उनकी शिकायतों का निराकरण करने वाला है। कथित माडल स्टेशन में व्याप्त भर्राशाही का ऐसा ही एक नजारा सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर पर देखने को मिला जहां टिकट दलालों ने कतार में लगे कुछ नागरिकों के साथ न सिर्फ हाथापाई की बल्कि एक व्यक्ति को पीट भी दिया। लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक कई चक्कर लगाने पड़े तब जाकर उनकी शिकायत दर्ज हुई। जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर के सामने रोज की तरह लंबी कतार लगी हुई थी। तभी एक युवक वहां आया और सीधे खिड़की पर जा पहुंचा।

काउंटर पर बैठा क्लर्क युवक को ऐसा करने से मना करने की बजाए उसका सहयोग कर रहा था। यह देख कतार में लगे लोगों ने एतराज जताया जिसपर वह युवक भड़क गया और लोगों से अभद्र व्यवहार करने लगा। उसी दौरान युवक के कई साथी वहां आ पहुंचे और उन्होंने वहां जमकर उत्पात मचाया। केएस ओझा, रुपेश कुमार और आनंद पांडेय आदि कई लोगों से न सिर्फ उन्होंने हाथापाई बल्कि समीर तिवारी को पीट भी दिया।

श्री ओझा ने कहा कि टिकट दलालों के उत्पात से आहत लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें यहां भी उन्हें अपमानित होना पड़ा। अधिकारियों ने उनकी पीड़ा को समझने की बजाए उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष के कई चक्कर लगवाए। यहां तक कि स्टेशन मास्टर प्रसाद राव ने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। श्री ओझा ने बताया कि पूरे घटनाक्रम के दौरान आरपीएफ व जीआरपी के जवान भी वहां मौजूद थे लेकिन वे भी मूकदर्शक बने रहे। श्री ओझा ने कहा कि स्टेशन परिसर में दो दर्जन से अधिक टिकट दलाल पूरे दिन सक्रिय रहते हैं। इस संबंध जानकारी के लिए डीसीएम श्री नायडू से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

Official google.org Blog: Health Speaks begins pilots in Arabic, Hindi and Swahili

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क्या सपादन यार
सब करने वाला भगवान उपर बैठा है।
बस तू ही है
सब तेरा है

दुश्मन का दिल दहलाने की तैयारी

‘विजयी भव’ का शंखनाद




नई दिल्ली/जोधपुर पाकिस्तान से सटी सीमा के नजदीक तपते थार रेगिस्तान में भारतीय सेना व वायुसेना ने सोमवार को संयुक्त युद्धाभ्यास ‘विजयी भव’ का शंखनाद किया। इसके साथ ही सेना ने जमीन और वायुसेना ने आसमान से दुश्मन पर जीत के लिए अपने दम-खम का आकलन किया। 14 मई तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास के दौरान नए बैटल टैंक व आधुनिक हथियारों का ट्रायल करने के साथ ही दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ी जाएगी।
सूरतगढ़ के रेगिस्तानी इलाके में ‘विजयी भव’ की शुरुआत बैटल टैंक से दुश्मन की सेना को नेस्तनाबूद करने और हेलिकॉप्टर से दुश्मन की जमीन पर कमांडो उतार कर उनके ठिकाने नष्ट करने के जीवंत प्रदर्शन के साथ हुई। युद्धाभ्यास के आखिरी पड़ाव में युद्ध रणनीति कौशल व रात्रिकालीन विजन की मारक क्षमता का प्रदर्शन होगा। साथ ही इस काल्पनिक जंग में भारतीय सेना के जवानों के दम-खम और आधुनिक हथियारों की मारक क्षमता को भी परखा जाएगा।
गर्मी में होगा ताकत का आकलन
ऑपरेशन पराक्रम से सबक लेने के बाद सेना हर साल वारगेम के जरिए अपनी ताकत का आकलन करती है। वारगेम के दौरान तपते रेगिस्तान में आधुनिक बैटल टैंक व आर्टिलरी गन की मारक क्षमता को परखने के साथ ही सेना की ताकत का आकलन किया जाएगा। अभ्यास के दौरान इस बात पर भी फोकस रहेगा कि किस प्रकार कम से कम नुकसान झेलते हुए दुश्मन की सेना को अधिक से अधिक क्षति पहुंचाई जाए। काल्पनिक जंग में सेना की स्ट्राइक कोर भी अपनी ताकत व दक्षता दिखाएगी। भारतीय सेना हर साल शीतकालीन युद्धाभ्यास करती रही है, लेकिन पिछले साल से गर्मी में सैनिकों को जंग लड़ने का अभ्यास शुरू किया गया। इस अभ्यास में कम समय में मोर्चे पर तमाम साजो-सामान व गोला बारूद सहित पहुंचाने और कम नुकसान में दुश्मन को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने का टारगेट तय किया गया है।
पाकिस्तान से सटी सीमा के नजदीक सूरतगढ़ के तपते थार में भारतीय सेना व वायुसेना ने सोमवार को संयुक्त वारगेम ‘विजयी भव’ का शंखनाद किया। इसके साथ ही सेना ने जमीन पर और वायुसेना के जांबाज पायलटों ने आसमान से दुश्मन पर जीत के लिए अपना दम-खम दिखाना शुरू कर दिया है। १४ मई तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास के दौरान नए बैटल टैंक व आधुनिक हथियारों का ट्रायल करने के साथ ही दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ी जाएगी।
युद्धाभ्यास पर एक नजर

रेगिस्तान के 45 डिग्री तापमान में सेना व वायुसेना कर रही अभ्यास
15 हजार से अधिक सैनिक व अधिकारी ले रहे हैं भाग
कम समय में ज्यादा से ज्यादा गोला बारूद सहित जरूरत का सामान लेकर मोर्चे तक पहुंचने की ट्रेनिंग
भारतीय सेना व वायुसेना का रेगिस्तान में संयुक्त अभ्यास विजयी भव 14 मई तक चलेगा। इसमें काल्पनिक जंग के दौरान आधुनिक टैंक, हथियारों व उपकरणों का ट्रायल भी होगा""
एस डी गोस्वामी रक्षा प्रवक्ता