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16 मई 2011

हार वामपंथ विचारधारा की या पश्चिम बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल सरकार की हार या वामपंथी विचारधारा की?

पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी दलों की ऐतिहासिक हार के बाद क्या भारत की संसदीय राजनीति में वामपंथ अप्रासंगिक हो गया है?
पश्चिम बंगाल में लगातार चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बनाने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और वाममोर्चा की बाक़ी पार्टियाँ तीस वर्ष के बाद विधानसभा में विपक्ष की क़तारों में बैठेंगी. क्या वाममोर्चे की इस दारुण हार को पूरी वामपंथी विचारधारा की हार माना जा सकता है या फिर पश्चिम बंगाल की जनता ने सिर्फ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को ख़ारिज किया है?

लोगों ने कहा राहुल गांधी अब दे पेट्रोल पंप पर धरना

नई दिल्ली. पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी से नाराज लोगों ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर भी सरकार को जमकर ताने मारे। एक जोरदार टिप्पणी तो यह भी आई कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अब उसी तरह धरने पर बैठ जाना चाहिए जैसे कि वे ग्रेटर नोएडा के एक गांव में जा बैठे थे।
मन अमन छिन्ना नामक यूजर ने लिखा, राहुल जी को तुरंत बाइक लेकर निकट के पेट्रोल पंप का दौरा करना चाहिए। इस पर पलटकर टिप्पणी आई, कांग्रेस का हाथ, गरीब के साथ है और बेचारे गरीब तो पेट्रोल खरीदते नहीं हैं।
एक अन्य यूजर चारू गुप्ता ने मजाक उड़ाते हुए कहा, संता को पेट्रोल की कीमत बढ़ने से फर्क नहीं पड़ता। वह तो पहले भी 100 रुपए का पेट्रोल भरवाता था और अब भी 100 रुपए का ही भरवाएगा।
आलोक कुमार नामक यूजर ने कीमत में बढ़ोतरी को राजनीतिक रंग देते हुए कटाक्ष किया, कांग्रेस भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से लड़ रही है। इसके लिए पैसे की जरूरत है। लिहाजा पेट्रोल, दूध और अन्य छोटी मोटी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी सहन करना जारी रखें।

दिग्विजय सिंह को रामदेव पर गुस्सा क्यों ?

अन्ना हजारे की तरह कोई नहीं तुड़वाएगा

रामदेव का अनशन: दिग्विजय

कांग्रेस के महासचिव और अपनी बेबाक बयानी के लिए मशहूर दिग्विजय सिंह ने योग गुरु बाबा रामदेव को एक बार फिर निशाने पर लेते हुए कहा है कि उन्हें अपनी भूख हड़ताल की योजना को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि इससे उनका अपमान होगा।
चार जून से रामदेव दिल्ली में भूख हड़ताल पर जाएंगे। मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, 'अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाने के लिए कई लोग सामने आए थे, लेकिन रामदेव के समर्थन में शायद ही कोई आए।' गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव और कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के बीच काले धन और भ्रष्टाचार के मसले पर तीखी नोंकझोंक हो चुकी है।
पेट्रोल के दाम बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने 2002 में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम को सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया था ताकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के दामों के अनुसान इसे तय किया जा सके। मौजूदा सरकार एनडीए की ही नीति को आगे बढ़ा रही है।