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22 जून 2011

अन्ना ने साधा केंद्र पर निशाना, शंकराचार्य ने उठाए आंदोलन पर सवाल


नई दिल्ली. अन्ना हजारे और सरकार के बीच लोकपाल बिल के मसौदे को लेकर जंग जारी है। बुधवार को केंद्र के खिलाफ अपने हमले तेज करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और लोकपाल विधेयक की ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य अन्ना हजारे ने सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाए जाने की मांग की। अन्ना ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए गंभीर नहीं है। अन्ना ने कहा कि सरकार की तरफ से पेश लोकपाल बिल के मसौदे में आम आदमी के हितों को नजरअंदाज किया गया है।
अप्रैल में अनशन करके सरकार को ड्राफ्टिंग कमिटी में सिविल सोसाइटी को शामिल करने पर मजबूर करने वाले वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि देश में मौजूद भ्रष्टाचार पाकिस्तान से ज़्यादा बड़ा दुश्मन है। हजारे ने बुधवार को कहा कि सरकार लोगों को गुमराह कर रही है।
अन्ना ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उस आरोप का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि वे एक समानांतर सरकार चलाना चाहते हैं। अन्ना ने कहा कि हम एक मजबूत लोकपाल चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोकपाल सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग की तरह स्वायत्त हो।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे १६ अगस्त से अनशन करेंगे। इससे पहले ३० जुलाई से राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे। वे कह चुके हैं कि एक मजबूत लोकपाल के बनने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता और लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल और पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार ने अब आम आदमी के हितों पर ध्यान देना बंद कर दिया है। बेदी ने कहा कि सरकारी मसौदे में गरीब आदमी के लिए कुछ भी नहीं है।
गौरतलब है कि मंगलवार को ड्राफ्टिंग कमिटी में शामिल सिविल सोसाइटी के सदस्यों और केंद्र सरकार के नुमाइंदों ने एक-दूसरे को अपना-अपना ड्राफ्ट सौंपा था। मंगलवार को ड्राफ्टिंग कमिटी की नौवीं और आखिरी बैठक के बावजूद दोनों पक्षों में कई अहम मसलों पर मतभेद कायम थे।
अब शंकराचार्य ने अन्ना के आंदोलन पर उठाए सवाल
मेरठ में मीडिया से मुखातिब होते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद ने अन्ना हजारे के आंदोलन पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने अन्ना के आंदोलन को मीडिया द्वारा प्रायोजित बताया। उन्होंने कहा, अन्ना का अभियान मीडिया प्रायोजित है और एसएमएस और विज्ञापन के इस्तेमाल से दोनों की साझेदारी हो चुकी है।
आपकी राय
क्‍या सरकार लोकपाल के मुद्दे पर घिरती नज़र आ रही है? क्या अन्ना हजारे की टीम का सशक्त लोकपाल का सपना पूरा होगा? क्या सरकार के लिए अन्ना की मांगें दबाना आसान होगा? क्या सरकार को इस मुद्दे पर उभरती जनभावना को देखते हुए अन्ना हजारे की मांगें मान लेनी चाहिए? क्या अन्ना की कुछ मांगें संवैधानिक संकट पैदा कर सकती हैं? इन मुद्दों पर अपनी राय संतुलित शब्दों में जाहिर करें। आप अपनी टिप्पणी के लिए जिम्मेदार होंगे। 
भारत के सबसे बुजुर्ग योग गुरु का रामदेव पर योग को बेच कर भ्रष्‍ट करने का आरोप

जहां प्रिंसिपल थे, वहीं भीख मांगते मिले



रांची। जिस मैक्लुस्कीगंज के लिए डीआर कैमरून ने पत्नी व बच्चों को त्याग दिया था, आज वही उनसे दूर हो गया है। मैक्लुस्कीगंज की यह जानीमानी हस्ती कोलकाता के उसी स्कूल के सामने भीख मांगती मिली, जहां के कभी वे प्रिंसिपल थे। पूछने पर बस यही कहते हैं, ’आई एम नॉट फाइन हियर। मुझे यहां से ले चलो। मैं मैक्लुस्कीगंज में ही दफन होना चाहता हूं। आप मुझे वहां ले चलेंगे न..।’
मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले कैमरून के बुरे दिन नब्बे के दशक के अंतिम वर्ष में शुरू हुए थे। बेरमो के पूंजीपति जगदीश पांडेय ने कैमरून से मैक्लुस्कीगंज के उनके गेस्ट हाउस ‘हाईलैंड’ और बंगले का सौदा किया था। सौदे के समय यह तय हुआ था कि जब तक कैमरून जिंदा रहेंगे, उन्हें गेस्ट हाउस का एक कमरा रहने के लिए निशुल्क दिया जाएगा। छह माह तो सब ठीक-ठाक रहा। इसके बाद उन्हें पीछे के एक बाथरूम में शिफ्ट कर दिया गया। वे बीमार हो गए। मई 2009 में जब यह बात ऑस्ट्रेलिया में उनके परिजनों को मिली, तो उन्होंने कैमरून को वहां बुला लिया।

कुछ दिन वहां रहने के बाद कैमरून का मन फिर मैक्लुस्कीगंज जाने के लिए बेताब होने लगा। फरवरी 2010 में वे मैक्लुस्कीगंज लौट आए। यहां उन्हें न ठौर मिला, न ठिकाना। वे इधर-उधर भटकने लगे। पैसे खत्म हुए तो मानसिक स्थिति भी गड़बड़ा गई। इसी क्रम में कोलकाता के खिदिरपुर पहुंच गए। यहां वे सेंट थॉमस स्कूल के आसपास भीख मांगने लगे। स्कूल की दाई रेहाना की नजर पर उन पर पड़ी, तो वह उन्हें पहचान गई। वह उन्हें अपने घर ले आई। इसके बाद उन्हें खिदिरपुर के ‘मेरी कुपर होम’ नामक वृद्धाश्रम में भर्ती करा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर स्कूल की शिक्षिका श्रीमती घोष ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे परिजनों को कैमरून के बारे में बताया। सूचना पाकर उनका बेटा आया और वृद्धाश्रम का खर्च देने की बात कह कर लौट गया।

खदिरपुर वृद्धाश्रम में आसरा

दी ईस्ट इंडिया चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से चलने वाले इस वृद्धाश्रम के अधीक्षक लियो जार्डन हैं। इनकी पत्नी थ्रेडा जार्डन हैं। दोनों मिल कर इनकी सेवा करते हैं।

सत्तर के दशक में सिंबल थे

सत्तर के दशक में एक समय था, जब कैमरून मैक्लुस्कीगंज के सिंबल थे। यहां आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग उन्हें अंकल पुकारते थे। पर्यटक उनसे बिना मिले नहीं जाते थे।

मैक्लुस्कीगंज में बसती है जान

पेशे से शिक्षक कैमरून एंग्लोइंडियन हैं। उन्होंने देश-विदेश के कई नामी गिरामी स्कूलों में पढ़ाया। वे जहां भी रहे, लेकिन उनकी जान मैक्लुस्कीगंज में ही बसती थी। यही कारण है कि वे स्थाई रूप से यहीं बस गए। फैसले से नाराज उनकी पत्नी एंजेला आस्ट्रेलिया लौट गईं। कैमरून के तीन बेटे मार्क, जॉन और शेंड्रिक्स और एक बेटी मारिया है। सभी मैक्लुस्कीगंज छोड़ कर चले गए।

क्या भारत वास्तव में आजाद है.

 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न
शपथ ली l
"मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ
और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी
निभाऊंगा, एवं
मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते
हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सव्वा करूँगा  "
क्या भारत वास्तव में आजाद है.

भयंकर भूलें

--  भयंकर भूलें ....        
           महाराजा रणजीत सिंह के कालखंड में कश्मीर  के मुसलमानों ने अनुरोध किया कि 
                              वे अपने पूर्वजों के हिन्दू धर्म में लौटना चाहते हैं.महाराजा ने इसे स्वीकार भी कर लिया. जिस दिन मुसलमानों कि सामूहिक शुद्धी कि जनि थी, कुछ संकीरण विचारों के पंडित महाराजा के पास ए और कहा कि शुद्धी हुई तो वे सब आत्महत्या कर लेंगे तथा महाराजा को ब्रम्हहत्या का पाप लगेगा. महाराजा इस धमकी के आगे झुक गए और कश्मीर घाटी के मुस्लिम समाज को राष्ट्रियधारा में लाने का स्वर्णिम अवसर चला गया.  * देश के विभाजन के समय जिन्ना कश्मीर को भारत में मिलाना चाहता था. महाराजा हरी सिंह ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया तो कबाइलियों के वेश में पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया. २६.१०.१९४७ को महाराजा ने कश्मीर का भारत में विलय करने का पत्र लिख दिया, तो भारतीय सेना अपने इस अंग के बच्व में उतरी. पाकिस्तानियों के छक्के छुडाते हुए हमारे सभी जवानों ने आक्रान्ताओं को पीछे धकेलना शुरू कर दिया, तभी ०१.०१.१९४८ को तात्कालिक प्रधानमंतरी पंडित जवाहर लाल नेहरू इस मामले को यु.एन.ओ. में ले गए. यह दूसरी भयंकर भूल थी, जिसके कारण आज कश्मीर एक नासूर बन गया है. सुरक्षा परिषद् ने भारतीय सेना के बढते कदम रोक दिए और कश्मीरियों को यह निर्णय करने (जनमत संग्रह) का अधिकार दे दिया, कि वे भारत में रहे या पाकिस्तान में रहें. 

                             कश्मीर का पुराना इतिहास 

* महर्षि कश्यप ने बसाया और उनके पुत्र नील कश्मीर
के पहले राजा थे.
* त्रेता युग में भगवन श्रीराम के पुत्र लव का शासन.
*
द्वापर में भगवन श्रीकृष्ण ने महारानी यशोमती का राज्याभिषेक किया.
* सम्राट
अशोक ने श्रीनगर बसाया और उनके पुत्र जालौक कश्मीर के शासक रहे.
* नागवंशी
नरेशों ने कुषाण राजा कनिष्क को निष्कासित किया.
* सम्राट समुन्द्र्गुप्त ने
मिहिरकुल को पराजित किया.
* ललितादित्य मुक्तपीड सबसे प्रतापी सम्राट बने.
*
अवन्तिवर्मन के शासन कल में कश्मीर समर्धि के शिखर पर.
* कश्मीर नरेश चन्द्रपीड
ने अरब हमलावरों को खदेड़ा.
* १४ वीं शताब्दी में मुस्लिम सुल्तानों का
अधिकार.
* महाराजा रणजीत सिंह ने विदेशियों को मर भगाया.
* सन १८४६ में डोगरा
वीर गोलब सिंह जम्मू कश्मीर के महाराजा बने. 

कैसे बताऊँ

मुझे तुम से मोहब्बत है, तुम्हे कैसे बताऊँ मैं
अकीदत है मुझे तुम से, यकीन कैसे दिलाऊं मैं
 

यह यक-तरफा मोहब्बत है,
फ़साना इस को कहते हैं

कहानी इस मोहब्बत की तुम्हे कैसे सुनाऊं मैं
किसी को "टूट कर चाहो" 
मोहब्बत हो ही जाएगी
किसी को टूट कर चाहना तुम्हे केसे सिखाऊं मैं.

ओशो प्रभात

यदि आप दुखी हैं, यदि आपको बोध होता है कि दुख है, तो उस दुख को झेलते मत चले जाइए, उस दुख को सहते मत चले जाइए। उस दुख के विरोध में खड़े होइए और उस दुख को विसर्जित करने का उपाय करिए।
साधारण मनुष्य दुख को पाकर जो काम करता है वह, और साधक जो काम करता है वह, दोनों में बहुत थोड़ा-सा भेद है। जब साधारण व्यक्ति के सामने दुख खड़ा होता है, तो वह दुख को भुलाने का उपाय करता है। और जब साधक के सामने दुख खड़ा होता है, तो वह दुख को मिटाने का उपाय करता है।
दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं। एक वे लोग, जो दुख को भुलाने का उपाय कर रहे हैं। और एक वे लोग, जो दुख को मिटाने का उपाय कर रहे हैं। परमात्मा करे, आप पहली पंक्ति में न रहें और दूसरी पंक्ति में आ जाएं।
दुख को भुलाने का उपाय एक तरह की मूर्च्छा है। आप चौबीस घंटे दुख को भुलाने का उपाय कर रहे हैं। आप लोगों से बातें कर रहे हैं, या संगीत सुन रहे हैं, या शराब पी रहे हैं, या ताश खेल रहे हैं, या जुए में लगे हुए हैं, या किसी और उपद्रव में लगे हुए हैं, जहां कि अपने को भूल जाएं, ताकि आपको स्मरण न आए कि भीतर बहुत दुख है।
हम चौबीस घंटे अपने को भुलाने के उपाय में लगे हुए हैं। हम नहीं चाहते कि दुख दिखाई पड़े। अगर हमें दुख दिखाई पड़ेगा, तो हम घबरा जाएंगे। तो हम दुख को भुलाने के और विलीन करने के उपाय में लगे हुए हैं। दुख भुलाने से मिटता नहीं है। दुख भुलाने से मिटता नहीं है, कोई घाव छिपा लेने से मिटता नहीं है। और अच्छे कपड़ों से ढांक लेने से कोई अंतर नहीं पड़ता है, वरन अच्छे कपड़ों से ढांक लेने से और घातक और विषाक्त हो जाता है।
तो घावों को छिपाएं न। उन्हें उघाड़ लें और अपने दुख का साक्षात करें। और उसे भुलाएं मत, उसे उघाड़ें और जानें और उसे मिटाने के उपाय में संलग्न हों। वे ही लोग जीवन के रहस्य को जान पाएंगे, जो दुख को मिटाने में लगते हैं, दुख को भुलाने में नहीं।
और मैंने कहा, दो ही तरह के लोग हैं। उन लोगों को मैं धार्मिक कहता हूं, जो दुख को मिटाने का उपाय खोज रहे हैं। और उन लोगों को अधार्मिक कहता हूं, जो दुख को भुलाने का उपाय खोज रहे हैं। आप स्मरण करें कि आप क्या कर रहे हैं? दुख को भुलाने का उपाय खोज रहे हैं? क्या आप सोचते हैं, अगर आपके सारे उपाय छीन लिए जाएं, तो आप बहुत दुखी नहीं हो जाएंगे?

 

love & wine

शराब का नशा विनाश की ओर ले जाता है.
पैसे का नशा अंहकार की ओर ले जाता है.
जीवन का नशा मृत्यु की ओर ले जाता है.
ज्ञान का नशा सम्मान की ओर ले जाता है.
लेकिन प्रेम का नशा परमात्मा की ओर ले जाता है.
 
रचनाकार: अख़्तर अंसारी
साफ़ ज़ाहिर है निगाहों से कि हम मरते हैं
मुँह से कहते हुए ये बात मगर डरते हैं

एक तस्वीर-ए-मुहब्बत है जवानी गोया
जिस में रंगो की इवज़ ख़ून-ए-जिगर भरते हैं
इशरत-ए-रफ़्ता ने जा कर न किया याद हमें
इशरत-ए-रफ़्ता को हम याद किया करते हैं

आस्माँ से कभी देखी न गई अपनी ख़ुशी
अब ये हालात हैं कि हम हँसते हुए डरते हैं
शेर कहते हो बहुत ख़ूब तुम "अख्तर" लेकिन
अच्छे शायर ये सुना है कि जवाँ मरते हैं
 
एक कविताः बेटियां ( रचनाकार: डॉ . अमिता नीरव )
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ना जाने कहां से आ जाती हैं ये 
कुछ ना हो फिर भी खिलखिलाती हैं बेटियां ना प्यार की गर्मी और ना चाहत की शीतलता 
फिर भी जीती जाती हैं बेटियां अभावों और दबावों के बीच भी 
दिन के दोगुने वेग से बढ़ती जाती है बेटियां भीड़ भरे मेले में हाथ छूट जाए 
फिर भी किसी तरह घर पहुंच जाती हैं बेटियां खुद को जलाकर भी 
घरों को रोशन करती जाती हैं बेटियां सीमाओं के आरपार खुद को फैलाकर 
पुल बन जाती हैं बेटियां शायद इसकी सजा पाते हुए 
कोख में ही मारी जाती हैं बेटियां ... ।

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समय का खेल है यारों समय के साथ जाना है.
जहाँ से सिखना है कुछ जहाँ को कुछ सिखाना है.

भले ही राह में दुःख हो उसे सहते ही जाना है
क्षितिज की चाह की है तो क्षितिज के पार जाना है.

नहीं कोई सफाई है, नहीं कोई बहाना है.
किया हमने जो वादा है, वही वादा निभाना है.

यही चाहत रहे अपनी, इसे हमको निभाना है.
नहीं जो कर सका कोई, उसे करके दिखाना है.

समय का खेल है यारों समय के साथ जाना है.
जहाँ से सिखना है कुछ जहाँ को कुछ सिखाना है.
 

फ़ॉर्मूला

 
ऐसा है पहले आप ऑरकुट न्यू वर्जन खोलो फिर वहा दाहिने तरफ जहा दोस्तों के नाम दिखाते है वहा जाओ वह आपको मैनेज लिखा होगा वहा आप क्लिक करो वह कोने में लिखा होगा एड फ्रेंड वह क्लिक करो जितने भी फ्रेंड के फोटो दिख रहे है वह क्लिक करो फिर सेव पर क्लिक करो फिर आप होम पे जाओ वह आपको मिलेगा अपडेट्स फ्राम वह क्लिक करो जिस नाम से अपने ग्रुप बनाया होगा वो नाम दिखाई देगा उसे सेलेक्ट करो फिर उसके बाद पोस्ट के ऊपर क्लिक करो फिर वही अपडेट्स फ्राम पे क्लिक करो फिर पोस्ट के ऊपर जोही आप क्लिक करोगे सरे लोगो का फोटो दिखने लगेगा फिर अपना स्क्रैप उसमे इंटर करो और पोस्ट कर दो देखने में इतना लम्बा स्टेप है करना आसन है ........................ फिर भी नहीं होगा तो मै फिर से बताउगा
ऐसा है पहले आप ऑरकुट न्यू वर्जन खोलो फिर वहा दाहिने तरफ जहा दोस्तों के नाम दिखाते है वहा जाओ वह आपको मैनेज लिखा होगा वहा आप क्लिक करो वह कोने में लिखा होगा एड फ्रेंड वह क्लिक करो जितने भी फ्रेंड के फोटो दिख रहे है वह क्लिक करो फिर सेव पर क्लिक करो फिर आप होम पे जाओ वह आपको मिलेगा अपडेट्स फ्राम वह क्लिक करो जिस नाम से अपने ग्रुप बनाया होगा वो नाम दिखाई देगा उसे सेलेक्ट करो फिर उसके बाद पोस्ट के ऊपर क्लिक करो फिर वही अपडेट्स फ्राम पे क्लिक करो फिर पोस्ट के ऊपर जोही आप क्लिक करोगे सरे लोगो का फोटो दिखने लगेगा फिर अपना स्क्रैप उसमे इंटर करो और पोस्ट कर दो