खान को एटीएस ने 10 मई 2010 को मुंबई के कुर्ला इलाके से गिरफ्तार किया था। खान के परिवार का कहना है कि वो कभी पाकिस्तान गया ही नहीं है। धमाके में नाम आने के बाद से ही वो फरार था और उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में एक साल तक छुप कर रहने के बाद वो वापस मुंबई आ गया और धारावी इलाके में व्यापार करने लगा।
वहीं पुलिस ने खान पर मुलुंद धमाको में शामिल होने से अलग तीन अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। जिन चार आतंकी वारदातों का खान को आरोपी बनाया गया है उनमें 16 लोगों की मौत हुई और 120 से अधिक घायल हुए।
खान पर फिलहाल गैर कानूनी रूप से हथियार रखने और आतंकी वारदातों में शामिल होने के मामले चल रहे हैं। इन मामलों की सुनवाई संयुक्त रूप से पोटा की विशेष अदालत में हो रही है।
वहीं भारत में रह रहे व्यक्ति की पाकिस्तान से मांग करने के बाद शर्मनाक स्थिति में पड़ी केंद्र सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जांच में 50 मोस्ट वांटेड अधिकारियों की सूची तैयार करने की पूरी प्रक्रिया को भी शामिल किया जाएगा और यह पता किया जाएगा कि 2010 में भारत में गिरफ्तार किया गए व्यक्ति का नाम मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में कैसे आ गया। जांच में उन अधिकारियों की पहचान भी की जाएगा जिनकी गलती के कारण ऐसा हुआ।
एक सूत्र के मुताबिक पूरी प्रक्रिया में कहीं न कहीं कट-पेस्ट का काम हुआ है। हम यह पता लगाएंगे की यह गलती कहां हुई।
गौरतलब है कि खान वजाहुल कमर का नाम पाकिस्तान से मांगे गए 50 आतंकियों की सूची में 41वें नंबर पर शामिल है। मार्च में भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच हुई वार्ता के दौरान यह सूची पाकिस्तान को सौंपी गई थी। इसमें लश्करे तैयबा के सरगना हाफिज सईद और आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी का भी नाम है।
वहीं गृह मंत्रालय ने खान के मामले में महाराष्ट्र पुलिस से भी रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में खान के मामले की मौजूदा स्थिति, उसके रहने के स्थान और पूरे प्रकरण की जानकारी मांगी गई है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान को सौंपी गई आतंकियों की सूची को मुंबई पुलिस, एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरौ) की सहमति के बाद बनाया गया था।
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17 मई 2011
पाकिस्तान में नहीं, महाराष्ट्र के थाणे में रहता है भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी!
मुंबई. भारत ने हाल ही में पाकिस्तान को जो पचास खूंखार आतंकियों की सूची सौंपी है उनमें से एक वजाहुल कमर खान पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत में रह रहा है। कमर महाराष्ट्र के थाणे में वागले एस्टेट इलाके में अपनी बीमार मां, पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता है। कमर के परिजनों का कहना है कि वो कभी पाकिस्तान गया ही नहीं है। कमर खान 2003 में हुए मुलुंद ट्रैन ब्लास्ट मामले में आरोपी है और फिलहाल जमानत पर रिहा है। पाकिस्तान को सौंपी गई सूची में उसका नाम खान वजाहुल कमर लिखा हुआ है हालांकि फिलहाल जमानत पर रिहा खान जमानत की शर्तों का पालन करते हुए अपने आप को नियमित रूप से कोर्ट के समक्ष पेश करता है।
सुलभ शौचालय में दारू का स्टॉक
रायपुर। सुलभ शौचालय परिसर को दारू के गोदाम की तरह इस्तेमाल कर रहे पालसिंह ठाकुर को आबकारी विभाग ने मंगलवार तड़के गिरफ्तार किया। उसके पास से 41 बोतल शराब जब्त की गई, जिसे उसने कैंपस में पड़ी रेत में छिपा कर रखा था।
नए आबकारी एक्ट के अनुसार जब्त शराब की मात्रा पांच लीटर से ज्यादा होने की वजह से उसे अदालत से जमानत नहीं मिली। न्यायिक हिरासत में उसे जेल भेज दिया गया। विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि पालसिंह शराब की अवैध बिक्री में लगा हुआ है। पर शराब का स्टॉक कहां पर रखा जाता है, किसी को पता नहीं था।
मंगलवार को सुबह चार बजे से आबकारी विभाग की टीम गुढिय़ारी स्थित उसके मकान के आसपास मंडरा रही थी। सुबह करीब साढ़े पांच बजे टीम को कुछ लोग सुलभ शौचालय परिसर से शराब की बोतल लेकर निकलते दिखे। इसकी पुष्टि होते ही आबकारी विभाग ने छापेमारी की और रेत में छिपाई गई शराब की बोतलों को जब्त किया।
नए आबकारी एक्ट के अनुसार जब्त शराब की मात्रा पांच लीटर से ज्यादा होने की वजह से उसे अदालत से जमानत नहीं मिली। न्यायिक हिरासत में उसे जेल भेज दिया गया। विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि पालसिंह शराब की अवैध बिक्री में लगा हुआ है। पर शराब का स्टॉक कहां पर रखा जाता है, किसी को पता नहीं था।
मंगलवार को सुबह चार बजे से आबकारी विभाग की टीम गुढिय़ारी स्थित उसके मकान के आसपास मंडरा रही थी। सुबह करीब साढ़े पांच बजे टीम को कुछ लोग सुलभ शौचालय परिसर से शराब की बोतल लेकर निकलते दिखे। इसकी पुष्टि होते ही आबकारी विभाग ने छापेमारी की और रेत में छिपाई गई शराब की बोतलों को जब्त किया।
‘अगर मैं आईसीसी अध्यक्ष बना तो खत्म कर दूंगा भारत का वर्चस्व!’
‘अगर मैं आईसीसी
अध्यक्ष बना तो
खत्म कर दूंगा
भारत का वर्चस्व!’
एक इंटरव्यू में ग्रेग ने कहा कि आईसीसी पर भारत का दबदबा है। ऐसे में भारत के वर्चस्व को खत्म कर सबसे पहले आईसीसी को रास्ते पर लाने की कोशिश करनी होगी। भारतीय क्रिकेट के कर्ताधर्ता कुछ देशों को अपने इशारों पर चलाते हैं और वोट हासिल कर लेते हैं। जिससे आईसीसी दबाव में भारत के सामने झुक जाता है।
उन्होंने कहा कि आईसीसी में भारत के वर्चस्व को खत्म करना काफी मुश्किल होगा, लेकिन फिर भी इसे ठीक करना होगा।
ग्रेग ने कहा कि देश दुनिया के तमाम क्रिकेटर बहुत ज्यादा क्रिकेट खेल रहे हैं। ऐसे में भारत की घरेलू टी20 लीग को विंडो देना हास्यास्पद होगा। इसमें दो महीने का वह समय कम हो जायेगा जिसमें वे दुनिया भर में क्रिकेट खेल सकते हैं।
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