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03 मई 2011

maa

तेरा चेहरा मुझको याद नही पर,
तेरी गोद मुझे याद है माँ !
तेरा प्यार याद नही रहा पर ,
उसका एहसास मुझे याद है माँ !
तेरे दुध से जीवन दान मिला ,
पर उस दूध की खुशबु याद नही माँ !
मेरे दिल पर तेरा हक़ है पर ,
मेरे शरीर को तेरा साथ नही माँ !
जब पैदा हुई तो तेरा आगोश था ,
पर अब जीवन में वह आस नही माँ !
तुझसे मिलना न मुमकिन है पर ,
तेरी याद पर मेरा अख्तियार नही माँ !
जब चाहां निगाहें झुका कर देख ली ,
मेरे दिल में इक तस्वीर है माँ !
तुम बिन ये घर सूना है ,
सुने घर में एक भी चिराग नही माँ !
तेरी बगिया में इक फूल खिला था ,
आज उस पर वीरानी -सी छाई है माँ !
तस्वीर में ज़िंदा है तू मेरे लिए,
तक़दीर को क्या समझाऊ मैं माँ !
हर शे में तुझको ढूंढा मैंने ,
इस भीड़ में केसे पहचानू मैं माँ !
इस कंक्रीट के जंगल में धायल ,
कब से दोड़ रही हूँ मैं माँ !
लहू लुहान कब तक मैं दोडू ,
बस ,एक सहारा मिल जाता माँ !
तेरे ममता का आंचल मिल जाता माँ !
तेरे प्यार का सागर मिल जाता माँ !
इस किश्ती को साहिल मिल जाता माँ

वनदे मातरम

भगत सिंह का अंतिम पत्र :

भगत सिंह का अंतिम पत्र : 22 मार्च,1931

साथियो,

स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है - इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज़ नहीं हो सकता. आज मेरी कमज़ोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं. अगर मैं फाँसी से बच गया तो वो ज़ाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक-चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए. लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरज़ू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देनेवालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी. हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सका. अगर स्वतंत्र, ज़िंदा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता. इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फाँसी से बचे रहने का नहीं आया. मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे ख़ुद पर बहुत गर्व है. अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतज़ार है. कामना है कि यह और नज़दीक हो जाए.

आपका साथी,

भगत सिंह

किल्लिंग अ हिन्दू

मारा गया ओसामा बिन लादेन

दुनिया का वांटेड नंबर-1 आतंकवादी एवं अलकायदा सरगना

ओसामा बिन लादेन मारा गया है

और अमेरिकी अधिकारियों ने उसके शव को भी कब्जे में ले लिया है।
वह 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए सबसे भीषण आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। अमेरिकी अभियान
में लादेन का एक बेटा तथा दो अन्य के भी मारे जाने की खबर है।

अभियान का ब्यौरा देते हुए ओबामा ने कहा कि पिछले हफ्ते उन्होंने जोर देकर कहा था कि ओसामा बिन लादेन को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कार्रवाई करने और अभियान चलाने के लिए हमारे पास पर्याप्त खुफिया जानकारी है। उन्होंने कहा कि आज, मेरे निर्देश पर, अमेरिका ने पाकिस्तान में अबोटाबाद के उस परिसर को लक्ष्य कर अभियान चलाया। अबोटाबाद इस्लामाबाद के 150 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। ओबामा ने व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से विश्व के नाम संबोधन में कहा कि मैं अमेरिकी लोगों और विश्व को बता सकता हूं कि
अमेरिका ने एक अभियान चलाया जिसमें हजारों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत का जिम्मेदार अलकायदा नेता और आतंकवादी ओसामा बिन लादेन मारा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जैसे ही लादेन के मारे जाने के बारे में घोषणा की, वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के बाहर और न्यूयॉर्क में तुरंत जश्न शुरू हो गया जहां दस साल पहले वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर के टॉवर पर हुए आतंकी हमले में तीन हजार से अधिक लोग मारे गए थे।ओबामा ने कहा कि न्याय हो गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकियों की एक छोटी टीम ने इस अभियान को अंजाम दिया। अभियान में कोई अमेरिकी घायल नहीं हुआ। ओबामा ने कहा कि मुठभेड़ के बाद अमेरिकी दल ओसामा बिन लादेन को मार दिया और उसके शव को अपने कब्जे में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि लादेन का शव अमेरिकी अधिकारियों के पास है। वह अमेरिका की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के एक अभियान में मारा गया। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। लादेन इस्लामाबाद से महज 150 किमी दूर अबोटाबाद नामक जगह पर मारा गया। अमेरिकी कमांडो ने रात करीब 1 से 1.30 के बीच में कार्रवाई की। वह एक इमारत में अपने कुछ खास लोगों के साथ वहां रह रहा था। यह वही उत्तर-पश्चिमोत्तर पाकिस्तान का कबाइली क्षेत्र है, जहां उसके छिपे होने के बारे में कहा जाता था। एक अन्य रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि यह कोई ड्रोन अभियान
नहीं था, बल्कि जमीनी अभियान था। अमेरिका के अभियान के बारे में अब तक ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। सउदी अरब में जन्मा लादेन ऐसे समय मारा गया है जब जुलाई महीने से अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी शुरू होने वाली है। आतंकी नेटवर्क अलकायदा की स्थापना करने वाला ओसामा बिन लादेन (54वर्ष) न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों सहित कई आतंकी घटनाओं का मास्टर माइंड था। वह 1998 में अफ्रीका में अमेरिका के दो दूतावासों पर हुए बम हमलों और अक्टूबर 2000 में अदन के यमनी बंदरगाह पर यूएसएस कोल पर हुए हमले की घटनाओं में संदिग्ध था।सउदी अरब से निष्कासित ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान के तालिबान शासन पर अमेरिका नीत हमले के बाद से ही भागता फिर रहा था। तालिबान ने ही लादेन को अफगानिस्तान में पनाह दी थी। अमेरिका नीत हमले में तालिबान के शासन का खात्मा हो गया
था। वर्ष 1957 में जन्मा लादेन सउदी अरब के सबसे धनी भवन निर्माता का बेटा था।