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03 मई 2011

maa

तेरा चेहरा मुझको याद नही पर,
तेरी गोद मुझे याद है माँ !
तेरा प्यार याद नही रहा पर ,
उसका एहसास मुझे याद है माँ !
तेरे दुध से जीवन दान मिला ,
पर उस दूध की खुशबु याद नही माँ !
मेरे दिल पर तेरा हक़ है पर ,
मेरे शरीर को तेरा साथ नही माँ !
जब पैदा हुई तो तेरा आगोश था ,
पर अब जीवन में वह आस नही माँ !
तुझसे मिलना न मुमकिन है पर ,
तेरी याद पर मेरा अख्तियार नही माँ !
जब चाहां निगाहें झुका कर देख ली ,
मेरे दिल में इक तस्वीर है माँ !
तुम बिन ये घर सूना है ,
सुने घर में एक भी चिराग नही माँ !
तेरी बगिया में इक फूल खिला था ,
आज उस पर वीरानी -सी छाई है माँ !
तस्वीर में ज़िंदा है तू मेरे लिए,
तक़दीर को क्या समझाऊ मैं माँ !
हर शे में तुझको ढूंढा मैंने ,
इस भीड़ में केसे पहचानू मैं माँ !
इस कंक्रीट के जंगल में धायल ,
कब से दोड़ रही हूँ मैं माँ !
लहू लुहान कब तक मैं दोडू ,
बस ,एक सहारा मिल जाता माँ !
तेरे ममता का आंचल मिल जाता माँ !
तेरे प्यार का सागर मिल जाता माँ !
इस किश्ती को साहिल मिल जाता माँ

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