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10 मई 2011

रेलवे का दुर्ग junction

शादी-ब्याह व स्कूली छुट्टियोंं के चलते स्टेशन में रिजर्वेशन कराने व टिकट लेने वालों की भीड़ के अनुपात मेंं असामाजिक तत्वों की सक्रियता भी बढ़ गई है। मामले में स्टेशन मास्टर सहित अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के साथ-साथ आरपीएफ व जीआरपी स्टाफ के संरक्षण ने इन तत्वों के हौसले और बुलंद कर दिए हैं। हालत यह है कि टिकट लेने, रिजर्वेशन कराने अथवा किसी अन्य कार्य से स्टेशन जाने वाले जन सामान्य विशेषकर युवतियां और बुजुर्गों को कई बार मारपीट और गाली-गलौच जैसी अपमानजनक और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

विडंबना यह कि स्टेशन परिसर में आम नागरिकों की परेशानी से किसी अधिकारी को कोई सरोकार नहीं है न उनकी शिकायतों का निराकरण करने वाला है। कथित माडल स्टेशन में व्याप्त भर्राशाही का ऐसा ही एक नजारा सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर पर देखने को मिला जहां टिकट दलालों ने कतार में लगे कुछ नागरिकों के साथ न सिर्फ हाथापाई की बल्कि एक व्यक्ति को पीट भी दिया। लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक कई चक्कर लगाने पड़े तब जाकर उनकी शिकायत दर्ज हुई। जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह आरक्षण काउंटर के सामने रोज की तरह लंबी कतार लगी हुई थी। तभी एक युवक वहां आया और सीधे खिड़की पर जा पहुंचा।

काउंटर पर बैठा क्लर्क युवक को ऐसा करने से मना करने की बजाए उसका सहयोग कर रहा था। यह देख कतार में लगे लोगों ने एतराज जताया जिसपर वह युवक भड़क गया और लोगों से अभद्र व्यवहार करने लगा। उसी दौरान युवक के कई साथी वहां आ पहुंचे और उन्होंने वहां जमकर उत्पात मचाया। केएस ओझा, रुपेश कुमार और आनंद पांडेय आदि कई लोगों से न सिर्फ उन्होंने हाथापाई बल्कि समीर तिवारी को पीट भी दिया।

श्री ओझा ने कहा कि टिकट दलालों के उत्पात से आहत लोगों ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो उन्हें यहां भी उन्हें अपमानित होना पड़ा। अधिकारियों ने उनकी पीड़ा को समझने की बजाए उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष के कई चक्कर लगवाए। यहां तक कि स्टेशन मास्टर प्रसाद राव ने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। श्री ओझा ने बताया कि पूरे घटनाक्रम के दौरान आरपीएफ व जीआरपी के जवान भी वहां मौजूद थे लेकिन वे भी मूकदर्शक बने रहे। श्री ओझा ने कहा कि स्टेशन परिसर में दो दर्जन से अधिक टिकट दलाल पूरे दिन सक्रिय रहते हैं। इस संबंध जानकारी के लिए डीसीएम श्री नायडू से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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