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06 अक्तूबर 2010

17 फलों में पाई गई कीटनाशक दवा

 उपभोक्ताओं को जागरूक करने वाली संस्था कंस्यूमर वाइस ने दिल्ली, एनसीआर, मुंबई, कोलकाता औरबेंगलुरु की थोक और खुदरा फल मंडियों से 17 फलों के सैंपल उठाकर उनकी जांच की है। जांच में पता चला है कि इन सब में कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल किया गया था। यह अलग बात है कि किसी में कम और किसी में अधिक।
कंस्यूमर वाइस के मुताबिक, दिल्ली की आजादपुर, ओखला, शाहदरा और गाजीपुर आदि फल मंडियों से सेब, केला, चेरी, चीकू, अंगूर, खुमानी, किवी, लीची, आम, खरबूजा, पपीता, आडू, नाशपाती, अन्नास, आलूबूखारा, अनार और तरबूज जैसे फलों के सैंपल उठाए गए। इनकी जांच करने पर पता लगा है कि इनमें से किसी को चमकाने के लिए कीटनाशक दवाई का इस्तेमाल किया गया तो किसी की उपज को जल्दी बढ़ाने के लिए। कंस्यूमर वाइस ने बताया कि कई फलों में तो कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल काफी अधिक किया गया था। ऐसा होने से इन्हें खाने वाले उपभोक्ताओं को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इनमें ब्रेन और ब्रेस्ट आदि का कैंसर, किडनी कैंसर, मुंह में अल्सर होना, फूड पॉइजनिंग, मूड उखड़ा रहना, नींद न आना, मानसिक भ्रम और याददाश्त कम होना जैसी कई बीमारियों से उपभोक्ता ग्रस्त हो सकते हैं।
इन सभी फलों के लिए गए सैंपल की कई-कई स्तर पर जांच की गई। आम की जांच में डीडीटी की मौजूदगी होने का पता लगा है। जांच में यह भी पता लगा है कि कई फलों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया गया था तो किसी-किसी में इंजेक्शन के माध्यम से यह दवाइयां फलों के अंदर पहुंचाई गईं। कंस्यूमर वाइस द्वारा इन सबकी विस्तृत जानकारी बुधवार को दी जाएगी।

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