कुल पेज दृश्य

09 अप्रैल 2011

new india




संसद की चैखट, राष्ट्रीय धरनास्थल जंतर मंतर पर 5 अप्रैल से आमरण अनशन करके देश की आम जनता के हितों को रौंदने वाली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की निकम्मी सरकार को जनलोकपाल विधेयक को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने वाले देश के आधुनिक गांधी अण्णा हजारे को शतः शतः नमन्

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले समाज सेवी अन्ना हजारे ने कहा, 'मेरा काम देश की सेवा है। सत्ता के विकेंद्रीकरण से ही भ्रष्टाचार पर रोक संभव है। जब तक मेरे शरीर में प्राण हैं, तब मैं लोकपाल बिल के लड़ता रहूंगा। मुझे पैसे का लालच नहीं है। मैं पिछले 25 साल से घर नहीं गया हूं और मुझे जनता के समर्थन से शक्ति मिलती है।'

--अब देश को गांधी व जयप्रकाश नारायण के बाद एक ऐसा जननायक मिल गया जो जनविरोधी सरकारों की नाकों में नकेल डालने का काम करेंगे। आशा है अण्णा हजारे देश के साथ साथ उत्तराखण्ड की भ्रष्ट सरकार से भी जनता को मुक्ति दिलायेंगे।
  
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सख़्त लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे वरिष्ठ गांधीवादी अन्ना हज़ारे शनिवार को अनशन तोड़ देंगे.शानिवार देर रात उन्होंने एलान किया कि सरकार ने उनकी सारी मांगें मान ली है. लेकिन जब तक सरकार के आदेश की कॉपी उनके हाथ में नहीं आ जाती तबतक उनका अनशन जारी रहेगा. उम्मीद है कि शनिवार की सुबह सरकार आदेश जारी कर देगी.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें