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04 अप्रैल 2011

इतिहास ही दृष्टि

   चर्चिल ने कहा था 
   कि अतीत में जितना पीछे देख सकते हों,  
   देखें..., भविष्य के लिए राह मिलती है. 
       भविष्य के सपने बुनने में अतीत का इतिहास ही दृष्टि देने का काम करता है


1 टिप्पणी:

  1. यह् बात सही है कि परिवर्तन आध्यात्म कॆ रास्तॆ आयॆगा.
    किन्तु यह भी नही भुला जा सकता कि
    . . . . सिर्फ बाबा बाबा कॆ राजनीति मॆ आ जानॆ सॆ ऒर सत्ता प्राप्त कर लॆनॆ सॆ ही सब कुछ सुधर नही जायॆगा.
    जब नॆहरु & गान्धी यहा कुछ नही कर सकॆ, तॊ फिर ऒर कॊई भला क्या कर लॆगा.
    फिल्हाल तॊ कॊई उम्मीद् नही दिखता.
    इस् दॆश का भगवान ही मालिक है.
    ( At last.. JAI HO)
    (योग गुरु और भारत स्वाभिमान नामक सामाजिक और आध्यात्मिक आंदोलन के प्रमुख बाबा रामदेव ने कहा है कि वे राजनीति में आने का फैसला जून के बाद लेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे न तो सत्ता में कोई पद लेंगे और न ही पार्टी में।

    उनका कहना था कि भ्रष्ट राजनीतिक प्रणाली भारतीय राजनीति के लिए शाप है और उनका आंदोलन देश की राजनीति की शक्ल कुछ ही वर्षों में बदल देगा। उन्होंने कहा, ‘हम लोकसभा चुनाव में 534 उम्मीदवार उतारेंगे। ये सभी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों और क्षेत्रों के साफ छवि वाले लोग होंगे और भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में काम करेंगे।)

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