!! जिन का मन रहता है मीरा मे रसखान मे ,
जिनकी आखें भेद न करती राम और रहमान मे ,
इनकी खुसिया दूनी होती दीवाली -रमजान मे ,
ऐसे लोग बहुत रहते है मेरे हिन्दुस्तान मे |||
यही है देश जिसमे कण -कण मे भगवान् रहता है :यही है वाईवल-गीता यही कुरान रहता है " भले ही जाति-मजहब -भेष - भाषा भिन्न है सबकी :दिलो मे किन्तु सबके एक हिंदुस्तान रहता है |||
यही है देश जिसमे कण -कण मे भगवान् रहता है :यही है वाईवल-गीता यही कुरान रहता है " भले ही जाति-मजहब -भेष - भाषा भिन्न है सबकी :दिलो मे किन्तु सबके एक हिंदुस्तान रहता है |||
no comments plz
जवाब देंहटाएंsahi bat kahi
जवाब देंहटाएंjai hiond
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