कुछ करने के लायक नहीं, जो उसको मित्र मिलता उसको वह शत्रु समझता स्वयं परेशान, घर परेशान, माता-पिता परेशान, घर में युध्द क्षेत्र बनाकर अपने अहंकार की लाठी लेकर, मन्यु क्या करूॅ, कैसे करूॅ, मित्रो के पास जाता, मित्र भी उसके अभिमान को चुर-चुर करने के लिए जाल बिछाकर बैठे है,कोई मार्ग नहीं दिखा रहा है, सारे मार्ग बंद होकर अपने आप की अंताहकर्ण में रोता, अपने आप को कोसता, मैं तो सबका भला करने वाला सबने मुझे बर्बाद कर दिया। ईश्वर का मार्ग अपनाता है और ईश्वर के सानिध्य में जाने का प्रयास करता है, ईश्वर दयालु, प्रेम का सागर अपनी राह में चलने का ज्ञान देना आरंभ करते है और ईश्वर से वो प्रश्न करता और ईश्वर उसे मार्गदर्शन करते, ईश्वर के सानिध्य में चलने वाला अभिमन्यु राहगीर बन गया है। स्वयं भटका हुआ दूसरो को सलाह देता और उनको ईश्वर के सानिध्य में जाने को कहता, पर संसार अपराधी उसकी बातो को न समझकर उसको पागल समझते है, पर अभिमन्यु उस कर्ता ईश्वर से प्रार्थक बनकर पूछता और लिखता, ईश्वर से पाया हुआ ज्ञान संसार के सम्मुख रखूॅगा, संसार भटका हुआ, लूटा हुआ कंगाल उनको धनवान बनाउॅगा, दुखियारे के दुख दूर करूॅगा। भटका हुआ अपराधी स्वयं राहगीर बनकर , ईश्वर का प्रार्थी बनकर, ईश्वर से संसार में चलने का ज्ञान पाने की ईश्वर से निवेदन करता है और पूछते है कि संसार में यह कुरूक्षेत्र बनाकर बैठे मेरे अपने बन्धु अपना जाल बिछाए, क्यों कर रहे है ऐसा? मैं तो उनका भला करना चाहता हूॅ, पर वे स्वयं अपना भला नहीं चाहते। स्वयं दुखी है, परेशान है। संसार को चलाने वाला ईश्वर, सबका न्याय करने वाला ईश्वर, अभिमन्यु को बता रहे है- मैं न्यायधीश हूॅ, सबका न्याय करने वाला मैं, सबको सजा देने वाला मैं, भूखे को दाना देने वाला मैं, सूर्य को तेज देने वाला मैं, चंद्र को सुंदरता देने वाला मैं, राहु को वीरता देने वाला मैं, केतु को मधुरता देने वाला मैं, मंगल को शुभ देने वाला मैं, बुध को समझ देने वाला मैं, गुरू को ज्ञान देने वाला मैं, शुक्र को सहनशीलता देने वाला मैं, शनि को शक्ति देने वाला मैं, जल को क्रोध देने वाला मैं, अग्नि को काम देने वाला मैं, वायु को मोह देने वाला मैं, पृथ्वी को लोभ देने वाला मैं, गगन को अहंकार देने वाला
achhchhi poem
जवाब देंहटाएंtrace
जवाब देंहटाएंt
जवाब देंहटाएं"गगन को अहंकार देने वाला"
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जवाब देंहटाएं"गगन को अहंकार देने वाला"
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जवाब देंहटाएंram jane kya hoga is desh ka ?
जवाब देंहटाएंatulya bharat
जवाब देंहटाएंका़बलियत किसी जाति,धर्म या लिंग से नही आती. जयललिता, मायावती, शीला
जवाब देंहटाएंदीक्षित आदि पहले भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. सभी ने देखा है कि उन्होंने
क्या किया. उनके प्रदेश में कल्याण की बात तो छोड़ ही दीजिए, उन्होंने
महिलाओं के उत्थान के लिए क्या किया है? वहीं एक मुख्यमंत्री नीतिश कुमार
हैं जिन्होंने महिलाओं का कल्याण करने के साथ-साथ हर क्षेत्र मे उनसे कहीं
बेहतर काम किया है.
का़बलियत किसी जाति,धर्म या लिंग से नही आती. जयललिता, मायावती, शीला
जवाब देंहटाएंदीक्षित आदि पहले भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. सभी ने देखा है कि उन्होंने
क्या किया. उनके प्रदेश में कल्याण की बात तो छोड़ ही दीजिए, उन्होंने
महिलाओं के उत्थान के लिए क्या किया है? वहीं एक मुख्यमंत्री नीतिश कुमार
हैं जिन्होंने महिलाओं का कल्याण करने के साथ-साथ हर क्षेत्र मे उनसे कहीं
बेहतर काम किया है.
!! जिन का मन रहता है मीरा मे रसखान मे ,
जवाब देंहटाएंजिनकी आखें भेद न करती राम और रहमान मे ,
इनकी खुसिया दूनी होती दीवाली -रमजान मे ,
ऐसे लोग बहुत रहते है मेरे हिन्दुस्तान मे |||
यही है देश जिसमे कण -कण मे भगवान् रहता है :यही है वाईवल-गीता यही कुरान रहता है " भले ही जाति-मजहब -भेष - भाषा भिन्न है सबकी :दिलो मे किन्तु सबके एक हिंदुस्तान रहता है |||
देश में घोटाला, खुले घूम रहें हैं बेईमान
जवाब देंहटाएंदेश के नेता चोर व बेईमान,फिर भी मेरा देश महान
गरीब रोटी को तरसे, आत्महत्या करे किसान
लूटों मेरे देश के गद्दारों, फिर भी मेरा देश महान
कभी धर्म के नाम पर कभी जाति के नाम पर
करो राजनीति खुलेआम, फिर भी मेरा देश महान
चौबीस घंटे किसी भी एक चीज को मत पकड़ लेना।
जवाब देंहटाएंजीवन में दो घाट हैं, दो किनारे हैं जीवन की सरिता के। श्रम है, विश्राम है; जागना है, सोना है। इसीलिए तो पलक झपती है, बंद होती है। इसीलिए तो श्वास भीतर आती है, बाहर जाती है। इसीलिए तो जन्म होता है, मौत होती है। इसलिए तो स्त्रियां हैं, पुरुष हैं। जीवन पर दो घाट हैं। और दोनों का जो संतुलन में संभाल लेता है वही परमात्मा को उपलब्ध होता है।
वैसे ही बहुत कम हैं उजालों के रास्ते,
जवाब देंहटाएंफिर पीकर धुआं तुम जीतो हो किसके वास्ते,
माना जीना नहीं आसान इस मुश्किल दौर में
कश लेके नहीं निकलते खुशियों के रास्ते
चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी पहले के अनुमानों से ज़्यादा हो सकती है. ये मानना है अमरीका के वैज्ञानिकों के एक दल का जिसने चंद्रमा से लाए गए पत्थरों का नए सिरे से अध्ययन किया है.
जवाब देंहटाएंब्लॉगर उपयोगकर्ता ritesh kumar tikariha ने आपको इस ब्लॉग में सहयोग देने के लिए आमंत्रित किया है: samay ka darpan.
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग में योगदान के लिए, यहाँ जाएँ:
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भारत में माना जाता है कि प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है, अब यह बात साबित भी हो गई है। एक नए शोध के मुताबिक जो लोग जीवन के कठिन दौर में प्रार्थना का रास्ता चुनते हैं, वे अपनी भावनाओं और समस्याओं से आसानी से निपट सकते हैं।विस्कोंसिन मेडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का दावा है कि अमेरिका में 75 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो बीमारी, दुख, सदमे और गुस्से के कारण पैदा होने वाले नकारात्मक भावों से बचने के लिए सप्ताह में एक बार प्रार्थना करते हैं।मुसीबत में प्रार्थना किस प्रकार मददगार हो सकती है इसका पता लगाने के लिए समाजशास्त्र से स्नातक शाने शार्प ने कठिन दौर से गुजर रहे लोगों का साक्षात्कार लिया।
जवाब देंहटाएंशार्प ने अमेरिका में भौगोलिक, शैक्षणिक और जातीय आधार पर अलग-अलग लोगों का साक्षात्कार लिया। इसमें से अधिकांश लोग ईसाई पृष्ठभूमि से संबंधित थे।शार्प ने बताया कि सोशल फिजियोलॉजिकल क्वाटरली के अंक में गुस्से से उबल रहे लोगों ने बताया कि किस तरह प्रार्थना ने भावनाओं पर काबू पाने में उनकी मदद की। लोगों ने कहा कि उन्हें कोई सुनने वाला मिल गया शार्प ने कहा कि यदि वे दूसरे व्यक्ति को अपशब्द कहते तो इसका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आता, लेकिन इसके बजाय उन्होंने प्रार्थना का सहारा लिया। प्रार्थना के दौरान लोग विश्वास करते हैं कि ईश्वर उन्हें देख रहा है और इससे अधिकांशत: सकारात्मक अनुभूति होती है।
छत्तीसगढ राज्य भर में कैदियों के लिए प्रतिदिन लगभग 90 क्विंटल मात्रा में भोजन तैयार किया जाता है और उन्हें खाद्य निश्चित दी गई है ।
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ राज्य भर में कैदियों के लिए प्रतिदिन लगभग 90 क्विंटल मात्रा में भोजन तैयार किया जाता है और उन्हें खाद्य निश्चित दी गई है ।
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