सरकारी योग के बाद नेता रामदेव यादव
भारतीय राजनीति में योगी, बाबा, औषधि निर्माता, और अब राजनेता रामदेव यादव का राजनीति के क्षेत्र में व्यापक स्वागत है लेकिन पुलिस ने अपनी लोकतान्त्रिक व्यवस्था का एक छोटा सा कारनामा दिखाया कि नेता जी आदमी से औरत की पोशाक में आ गए। इसलिए पुलिस ने नरमी दिखाई और अपने सम्पूर्ण टेलर नहीं दिखाया। अगर हमारे जिले के इस्पात राज्य मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा की दिल्ली में चली होती तो उनका चुतड योग (जो बाराबंकी जनपद में तो प्रसिद्द है ) उसका इस्तेमाल होता। राम नगर थाना जिला बाराबंकी में मंत्री जी के एक बडबोले विरोधी के ऊपर तत्कालीन थाना अध्यक्ष ने इसी योग का प्रयोग किया था। जब न्यायालय में उक्त नेता जी का चालान आया तो पेट के बल वो लेटाये हुए थे और जब माननीय मंत्री जी का चुनाव आया तो उसमें सबसे आगे आगे वही नेताजी उनका चुनाव प्रचार कर रहे थे। आप राजनीति में नए-नए आये हैं इसलिए राजनीति के योगों के बारे में जानकारी नहीं है। उत्तर प्रदेश में पुलिस पेट्रोल योग, करंट योग, पट्टा योग आये दिन करती रहती है और इसी कारण से प्रदेश में विपक्षी बडबोले नेता चाहे भाजपा के हों या लोकमंच के नेता अमर सिंह हों या क्षत्रिय शिरोमणि रघुराज प्रताप राजा भैया हों। सबको सरकारी योग से डर लगता है और ये सभी नेतागण निंदा करके अपना काम चला लेते हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में प्रदेश सरकार ने आपके काफिले को रोककर वापस कर दिया। अगर आपने वहां हठ योग किया होता तो आपको उत्तर प्रदेश सरकार भट्ठा-परसोल योग का प्रशिक्षण दे देती। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने आपका पूरा समर्थन किया है और उन्होंने ने कहा है कि रामलीला मैदान में हुई कार्यवाई की उच्चतम न्यायालय जांच कराये क्योंकि अब केंद्र से न्याय की उम्मीद नहीं है। यह अमानवीय और निंदनीय है। अब मैं आपको उत्तर प्रदेश के सरकारी योग की एक झलक दिखा रहा हूँ।
लोकतंत्र का शमशानघाट है लखनऊ
धरना स्थल पर लाठीचार्ज
लाठीचार्ज से बेहोश कर्मचारी
धरना स्थल पर लाठीचार्ज
लाठीचार्ज से बेहोश कर्मचारी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में झुलेलाल पार्क में प्रदेश के सभी धरना अनशन प्रदर्शन कार्यों को इकठ्ठा होकर अपनी बात कहने के लिये स्थल नियत किया गया है। 23 मई से नवीन ओखला ओद्योगिक विकास प्राधिकरण के कर्मचारी अपनी नौकरी के नियमतिकरण लिये धरना दिए हुए थे। शुक्रवार की सुबह धरनाकारी धर्मपाल की मृत्यु हो गयी। एस.पी ट्रांस गोमती नितिन तिवारी के कुशल नेतृत्व में सी.ओ महानगर, सी.ओ गुड़म्बा सहित कई थानों के थाना प्रभारी अपने-अपने नेम प्लेट उतारकर धरना स्थल पर बैठे हुए कर्मचारियों पर पुलिस, पी.एस.सी के बल पर लाठी चार्ज कर दिया जिसमें आधा दर्जन कर्मचारियों की हालत गंबीर स्तिथि में पहुँच गयी। डेढ़ सौ महिलाओं को इन अधिकारियो के नेतृत्व में पुलिस पी.एस.सी ने जमकर पीटा। सारे कानून नियम धरे के धरे रह गए।
लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने हमेशा समाज के हर तबके के ऊपर लाठी चार्ज किया है और किसी भी मामले में जिम्मेदार किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी है। धरना स्थल पर धरनाकारी धर्मपाल की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने जिस तरह से धरनाकारी के ऊपर बुरी तरह से लाठीचार्ज किया है। उससे लगता है की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लोकतंत्र का शमशानघाट है और विपक्षी दलों की स्तिथि मुर्दों से भी बदतर है। जो न हिल सकते हैं न डुल सकते हैं अन्यथा सरकार की यह हिम्मत ही नहीं हो सकती थी कि वो हर सत्याग्रही के ऊपर लाठीचार्ज कर सके।
लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने हमेशा समाज के हर तबके के ऊपर लाठी चार्ज किया है और किसी भी मामले में जिम्मेदार किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी है। धरना स्थल पर धरनाकारी धर्मपाल की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने जिस तरह से धरनाकारी के ऊपर बुरी तरह से लाठीचार्ज किया है। उससे लगता है की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लोकतंत्र का शमशानघाट है और विपक्षी दलों की स्तिथि मुर्दों से भी बदतर है। जो न हिल सकते हैं न डुल सकते हैं अन्यथा सरकार की यह हिम्मत ही नहीं हो सकती थी कि वो हर सत्याग्रही के ऊपर लाठीचार्ज कर सके।
समाजवादी पार्टी के नेताजी को एस.एस.पी लखनऊ बूट योग सिखा रहे हैं
वहीँ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य की सुनामी के तहत लखनऊ के डी.आई.जी डी.के.ठाकुर ने राज्य की सुनामी आनंद सिंह भदौरिया के ऊपर उतारी। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डी.के. ठाकुर ने गिरफ्तारी के बाद आनंद सिंह भदौरिया को हजरतगंज में लाठियों से पीट कर सड़क पर लातों से रौंदा जिससे उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के पुलिस अधिकारीयों का वास्तविक चेहरा जनता के सामने आया। कहने के लिये हम आप लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा हैं लेकिन वास्तव में राज्य का असली स्वरूप जब सामने आता है तो वह बड़ा वीभत्स होता है। इन स्तिथियों के बाद भारत सरकार में दम है कि इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाई कर सके। जनता के साथ पुलिस का व्यवहार यह होता है, वहीँ अभी कुछ दिन पहले राज्य के एक पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री का जूता साफ़ करते नजर आये थे। अगर बात मुख्यमंत्री की आ जाए तो महाबलशाली डी.आई.जी डी.के.ठाकुर उनकी चप्पलें साफ़ करते नजर आयेंगे। इन घ्रणित चेहरों का इलाज भारतीय लोकतंत्र में नहीं है ।
रही बात विदेशों से काला धन लाने की तो नेता जी मेरी एक सलाह है कि अगर आज की तारीख से देश में कला धन बनाने की प्रक्रिया रुक जाए तो भी देश काफी खुशहाल हो जायेगा। जब दो करोड़ रुपये की जमीन कोई खरीदता है तो नंबर एक रुपये में 60-70 लाख रुपये का भुगतान होता है बाकी भुगतान बेनामी होता है और इसी तरह हजारो हजार करोड़ रुपये ब्लैक मनी प्रतिदिन तैयार होती है मुख्य समस्या यह है। नेता जी आपने रामलीला मैदान 5000 लोगों को योग सिखाने के लिये लिया था। अनशन प्रदर्शन करने के लिये नहीं लिया था और वहां योग सिखने वाले लोगों को इस तरह की कार्यवाई की भी उम्मीद नहीं थी यदि किसी योग प्रशिक्षणार्थी की मृत्यु भी हो जाती तो उसकी भी जिम्मेदारी आपकी ही होती। आपके समर्थन में संघियों की मुखौटा पार्टी भाजपा पूरी तरीके से है। इसका अध्यक्ष बंगारू लक्षमण भी रहा है जिसका हाल आपने टेलीविजन पर देखा होगा। अगर आपके केंद्र में कांग्रेस की बजाये भाजपा की सरकार होती तो भाजपा आपको इससे बढ़िया नया योग सिखा चुकी होती। कांग्रेस भ्रष्टाचारियों का एक अड्डा है जिसमें शरद पवार जैसे मंत्रियों से लेकर दयानिधि मारन तक अब तक मंत्री हैं। प्रेस मीडिया प्रधानमंत्री के चेले चपाटे चाहे जो भ्रष्टाचार करें उनको ईमानदारी का प्रमाणपत्र जारी ही करेगी।हम, नेता जी आपके राजनीति में आने का स्वागत करते हैं लेकिन ये द्रष्टान्त आपके लिये लिखे हैं जिससे आप इन योगों का भी अभ्यास कर लें। जिससे भविष्य में आपको कोई कुंठा या निराशा न हो। राजनीति में सभी महायोगी होते हैं और आप अभी तक सिर्फ योगी हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें