भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान, गृह मंत्रालय को नहीं मालूम क्या है हमारे देश का नाम
हमारे देश का नाम क्या है, भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान। देश के गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं है कि आखिर हमारे देश का वास्तविक नाम क्या है। गृह मंत्रालय ने इस बात को एक सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देते हुए स्वयं माना है। गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि भारतीय संविधान में किसी राष्ट्रभाषा की कोई जानकारी नहीं है, जबकि संविधान में साफतौर पर लिखा है कि भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है।
आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने गृह मंत्रालय में एक आवेदन देकर, गृह मंत्रालय से इसे स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। अंग्रेजी में इसे इंडिया, हिंदी में भारत और उर्दू में हिंदुस्तान कहा जाता है। रॉय ने बताया कि हमारे देश को कई नाम दिए गए हैं लेकिन अधिकृत नाम क्या है, यह जानने के लिए उन्होंने गृह मंत्रालय के पास आरटीआई फाइल की। लेकिन गृह मंत्रालय के जवाब से उन्हें झटका लगा है और अब वे इसे लेकर अदालत जाने का सोच रहे हैं। यदि एक सामान्य नागरिक भी नाम बदलता है तो उसे कानून प्रक्रिया पूरी करना होती है, लेकिन हमारे देश के नाम पर ही असमंजस है और यदि गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं है, तो फिर यह गंभीर चिंता का विषय है। इसी आरटीआई में रॉय ने यह जानकारी भी मांगी थी कि हमारे देश की राष्ट्र भाषा क्या है और इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि संविधान में किसी राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 343 में साफ लिखा है कि हिंदी हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है। संविधान में 14 भाषाओं को मान्यता दी गई थी और बाद में इसमें कुछ और भाषा जोड़ी गईं। अब संविधान में कुल 22 भाषाओं का मान्यता प्राप्त भाषाओं के रूप में उल्लेख है।
आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने गृह मंत्रालय में एक आवेदन देकर, गृह मंत्रालय से इसे स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। अंग्रेजी में इसे इंडिया, हिंदी में भारत और उर्दू में हिंदुस्तान कहा जाता है। रॉय ने बताया कि हमारे देश को कई नाम दिए गए हैं लेकिन अधिकृत नाम क्या है, यह जानने के लिए उन्होंने गृह मंत्रालय के पास आरटीआई फाइल की। लेकिन गृह मंत्रालय के जवाब से उन्हें झटका लगा है और अब वे इसे लेकर अदालत जाने का सोच रहे हैं। यदि एक सामान्य नागरिक भी नाम बदलता है तो उसे कानून प्रक्रिया पूरी करना होती है, लेकिन हमारे देश के नाम पर ही असमंजस है और यदि गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं है, तो फिर यह गंभीर चिंता का विषय है। इसी आरटीआई में रॉय ने यह जानकारी भी मांगी थी कि हमारे देश की राष्ट्र भाषा क्या है और इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि संविधान में किसी राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 343 में साफ लिखा है कि हिंदी हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है। संविधान में 14 भाषाओं को मान्यता दी गई थी और बाद में इसमें कुछ और भाषा जोड़ी गईं। अब संविधान में कुल 22 भाषाओं का मान्यता प्राप्त भाषाओं के रूप में उल्लेख है।
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