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09 जून 2011

hindi joaks

एक आदमी रात को एक गली के सामने ख़डा था।
""कौन हो ? "" वहां से गुजरते हुए चौकीदार ने क़डकककर पूछा।
""शेर सिंह।"" ""
बाप का नाम ? "" ""
शमशेर सिंह।"" ""
कहां रहते हो ?
"" ""शेरों वाली गली में।""
""यहां क्यों ख़डे हो ? ""
""कैसे जाऊं कुत्ता भौंक रहा है।""
एक बच्चाा तालाब में डूब रहा था। सभी देख रहे थे। किसी में हिम्मत न थी कि बच्चो को बचा लाए। तभी एक साहब ने छलांग लगा दी और बच्चो को बचा लिया। दर्शकों में से एक बोला - ब़डी हिम्मत की आपने ।
वह व्यक्ति बोला - हिम्मत की ऎसी-तैसी, पहले यह बताओ, मुझे धक्का किसने दिया था ?
बस में सफर कर रही एक ल़डकी ने एक हाथ में किताबें पक़ड रखी थीं तथा दूसरे हाथ में बस का डंडा था।
कण्डक्टर- टिकट ले लो।
लडकी-देखते नहीं, मेरे हाथ खाली नहीं है।
कण्डक्टर- एक चीज मुझे दे दो।
ल़डकी - तो पक़ड लो बस का डंडा।
नाना ने कुछ ब़डे हो गए नाती को गुर की बात समझाते हुए कहा- ""बेटा अब कोई काम धन्धा जमा लो, बेकार फिरना अच्छी बात नहीं। जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो मैंने दुकान में 50 रूपये की नौकरी की थी। फिर छ: साल बाद उतनी ही ब़डी दुकान बना ली थी।""
नाती से रहा न गया । बोल प़डा- ""नाना जी, अब वे जमाने लद गए। अब वैसी तिक़डम नहीं चलती। हर जगह कायदे के अनुसार हिसाब-किताब रखा जाता है।""
एक घबराया हुआ-सा नाटा आदमी छोटे शहर के एक सब्जी फरोश के पास गया और बोला- ""मुझे आप अपनी सारी स़डी-गली सब्जियां तथा बासी अण्डे दे दीजिए।""
दुकानदार की आंखों में चमक आ गई। बोला-""शायद आज आप थियेटर में नए जोकर का तमाशा देखने जा रहे हैं ? ""
खरीददार बोला-""इतना ऊंचे मत बोलो! दरअसल नया जोकर मैं ही हूं।""
दत्ता जी को बहुत से लोग भत्ता जी भी कहा करते थे। शायद इसलिये कि दौरे पर बहुत रहते थे और दौरे पर रहने में उन्हें भत्ता काफी मिल जाता था। मई के पहले हफ्ते की बात है कि उन्हें दो दिन बाद ही टूर पर जाना था। उनका बेटा पप्पी उनके कमरे में आया तो न जाने क्या सोचकर वे उसे पीटने लगे। बच्चो को पिटता देखकर प़डौस के एक मित्र उनके पास आए और बच्चो को पीटने का कारण पूछा तो दत्ता जी ने बताया-"" दरअसल मैं दो दिन बाद टूर पर जा रहा हूं और टूर की अवधि में ही इस नालायक का रिजल्ट निकल आएगा।""
पहला-""बन्धु... उस दिन अपना सामना जीते-जागते शेर से हो गया और मेरे पास कोई हथियार भी न था।
"" दूसरा-""ओह! फिर तुमने क्या किया ? ""
पहला-"" मैं कर ही क्या सकता था ? पहले तो मैंने उसकी आंख की पुतलियों को देखा मगर वह मुझे देखकर गुर्राता रहा, फिर मैंने गर्दन मरो़ड डालने की घमकी दी, मगर फिर मुझे पता लगा कि अगर मैंने उसकी गर्दन पक़ड भी ली तो मेरा खतरा टलेगा नहीं, और बढ़ जायेगा। लेकिन वह मुझे घूरता रहा...घूरता रहा...।"" ""फिर तुमने उससे छुटकारा किस प्रकार पाया ? "" ""मैंने उसकी तरफ से मुंह फेर लिया और दूसरे पिंजरों की तरफ बढ़ गया।""
पति द्वारा पत्नी को चांटा मारने पर पत्नी अपने पिता के पास शिकायत लेकर पहुंची।
पिता ने पूछा-""तुम्हारे पति ने चांटा कहां मारा ? "" ""
दायीं ओर।"" बेटी ने कहा। पिता ने उसके बायें गाल पर त़ड से तमाचा ज़डते हुए कहा-""जाओ, अपने पति से कहना कि उसने मेरी बेटी को मारा मैंने उसकी पत्नी को मारकर बदला ले लिया
।""
एक बच्चा रात को देर से घर गया। मां ने पूछा-""कहां थे अब तकक्"" ""जी मैं फिल्म देखने गया था, मां का प्यार।""
मां ने कहा-""जाओ ऊपर बाप का गुस्सा भी देखो।""
नई दुल्हन के हाथ का खाना पति ने पहली बार खाया। मिर्चे अधिक तेज थीं फिर भी वह बात बिग़ाडना नहीं चाहता था।
पति- ""खाना बहुत अच्छा बनाया है।""
पत्नी-"" लेकिन आप रो क्यों रहे हैं ? ""
पति-""खुशी के कारण।""
पत्नी-""और दूं ? ""
पति-""नहीं, मैं ज्यादा खुशी बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा।""
मकान मालिक-""तुम अगले महीने, दो महीने का किराया इकटाठा कैसे चुकाओगे ? ""
किराएदार-"" तब तक मैं घर के दरवाजे और खि़डकियों के ग्राहक ढूंढ लूंगा।""
गृहणी ने कहा- ""रामू,आज तुमने बहुत कीमती फूलदान तो़ड दिया। आज के बाद ऎसी गलती की तो मार मार कर सिर गंजा कर दूंगी। समझे ?
"" ""जी समझ गया।""
""क्या समझे ? "" ""
यही कि मालिक भी किसी ऎसी ही गलती का अंजाम भुगत रहे हैं।""

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