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06 अगस्त 2011

झूठा प्रदर्शन मत करो वरना


किसी नगर में एक जमीदार का लड़का था , उसे पढ़ना-लिखना बहुत पसंद था | उसके पास दुनिया भर की किताबे भरी थी , उसको आपने ज्ञानी होने पर बहुत घमंड था और वो लोगो को चेलेंग भी करता रहता था | एक बार उसको किसी ने बताया की तुम्हारा ज्ञान अधुरा है , जब तक तुम स्वामी जी से ज्ञान ना लो ....... वो ऐसा सुनके स्वामी जी के पास ज्ञान लेने आ गया स्वामी जी उसके ज्ञान से प्रभावित हो गये उन्होंने कहा तुम को सब पता है ... मै तुम को कुछ नहीं दे सकता..... | वो दुखी हो गया ... ये देखकर स्वामी जी ने उसे 7 किताबे दे... दी... जिसे लेकर वो ख़ुशी -ख़ुशी घर आने लगा रस्ते में एक नदी थी जिसके पुल को पार करते वक़्त अचानक उसकी किताबे नदी में गिर गयी और वो जोर - जोर से चिल्लाकर रोने लगा... उसके आवाज सुनके एक गिलहरी आई उसने पूछा क्या हुआ ??... लड़का आश्चर्यचकित हो गया.. फिर भी उसने कहा मेरी किताबे नदी में गिर गयी... गिलहरी ने चिड़िया को आवाजमारी क्या तुमको इसकी किताबे दिख रही है...?? चिड़िया बोली नहीं.. मगरमछ से पुचो.. मगरमछ ने बताया .... लड़के तुम्हारी किताब ख़राब हो गई है... तुम नयी किताबे ले आओ | ये सुनते ही लड़का किताबो के लिए स्वामी जी के पास दौडा... जब स्वामी जी को उसने पूरी घटना बताई ... तो स्वामी जी हंसने लगे और कहा तुम पागल हो गये हो ... लड़के को क्रोध आ गया उसने जोर से कहा... मै सच बोल रहा हूँ... तब स्वामी जी ने कहा अगर ये सच है, तो तुम से बड़ा ज्ञानी कोई नहीं पर ये ज्ञान सभी के सामने नहीं दिखाना वरना लोग तुमको पागल कहेगे.... फिर उन्होंने बताया की तुम्हारे चारो तरफ ज्ञान ही ज्ञान है ... जितना तुम जानो उतना कम है , इसलिए जो भी है उसको बढ़ाते जाओ झूठा प्रदर्शन मत करो वरना लोग तुम को पागल कहेगे....

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